बड़वाह - आठ दिवसीय माँ नर्मदा जन्मोत्सव के पांचवे दिन माँ वाग्देवी का जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। प्रातः दुग्धाभिषेक और षोडशोपचार पूजन द्वारा माँ शारदा की आराधना की गई। सांध्य कालीन सत्र में वसंतोत्सव मनाया गया। गुलाल के रंगों से पूरा पांडाल नवरंगी भक्ति से सराबोर हुआ। केसर की फुहारों और इंदौर से आये सुर साधको के स्वरांजलि से सम्पूर्ण भक्तगण माँ की आराधना कर धन्य हुए। पं गिरिजाशंकर जी ने आज के दिन के महत्व पर चर्चा करते हुए बताया कि माँ वाग्देवी आ अवतरण दिवस प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी गुलाल के सतरंगी रंगों और केसरिया सुवास के बीच सम्पन्न हुआ। मा शारदा ज्ञान की देवी है और विद्याध्ययन का आरंभ करने का इससे श्रेष्ठ कोई मुहूर्त नही है। कालिदास से ले कर मंडन मिश्र तक माँ शारदा के आशीष से ज्ञान के पर्याय बने। माँ भगवती सभी पर अपनी कृपा बनाये रखे ऐसी भगवती शारदा से प्रार्थना है। आयोजन में आरती के पश्चात केसरिया भात का प्रसाद वितरण किया गया।