भोपाल - सरकारी कॉलेजों से निकाले गए अतिथि विद्वानों ने गुरुवार को फिर से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से समय मिलने पर मुलाकात की। इस दौरान अतिथि विद्वानों ने पूर्व मुख्यमंत्री सिंह को समस्याएं बताई। इस पर उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार उनकी समस्याओं पर गंभीरता से विचार कर रही है। मुख्यमंत्री कमलनाथ अभी विदेश यात्रा पर हैं। जैसे ही वे प्रदेश लौटेंगे, उनसे इस मामले में समाधान निकालने के लिए वे कहेंगे। अतिथि विद्वानों की समस्या के निराकरण के लिए कई प्रस्ताव सरकार को मिले हैं, जिन पर विचार किया जा रहा है। वहीं अतिथि विद्वानों का करीब डेढ़ महीने से चल रहा धरना गुरुवार को भी शाहजहांनी पार्क में जारी रहा।
इस बारे में अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष डॉ. देवराज सिंह का कहना है कि अतिथि विद्वानों को आंदोलन करते हुए करीब डेढ़ महीना बीत चुका है। पिछले करीब पंद्रह दिनों से तो तेज ठंड पड़ रही है, इसके बावजूद धरना जारी है। इसमें कुछ महिलाएं अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ भी शामिल हो रही हैं। डॉ. सिंह के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री सिंह से दोबारा मुलाकात कर उन्हें पूरी परेशानियां बताई हैं। उन्होंने कहा है कि पूरे प्रयास कर रहे हैं कि अतिथि विद्वानों की समस्या का समाधान हो सके। अतिथि विद्वानों ने पूर्व मुख्यमंत्री को मुलाकात के दौरान बताया कि लोक सेवा आयोग से चयनित असिस्टेंट प्रोफेसरों के पदभार संभालने पर प्रदेशभर से करीब ढाई हजार अतिथि विद्वानों को निकाला जा चुका है। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि किसी को भी कॉलेज से निकाला नहीं जाएगा।
3 फरवरी तक चुन सकेंगे पसंद का कॉलेजः सरकारी कॉलेज से निकाले गए अतिथि विद्वान अब 3 फरवरी तक अपने पसंद का कॉलेज चुन सकेंगे। जबकि 30 जनवरी तक वे अपनी प्रोफाइल अपडेट कर सकेंगे। 4 फरवरी को मेरिट के अनुसार उन्हें कॉलेज का आवंटन कर दिया जाएगा। इसके बाद वे 5 से 7 फरवरी के बीच आवंटित कॉलेज में जाकर पदभार संभाल सकेंगे। गौरतलब है कि च्वाइस फिलिंग 9 जनवरी से 16 जनवरी के बीच होनी थी, लेकिन उच्च शिक्षा विभाग प्रक्रिया शुरू ही नहीं कर सका था।
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