मध्यप्रदेश शासन को करोडो रुपए का सालाना राजस्व देने वाला उप पंजीयक कार्यालय ,,( रजिस्टार आफीस ) इन दिनों अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है जो विभाग शासन को राजस्व के रूप में करोड़ो रुपए देता है उस उपपंजीयक विभाग की हालत देखना हो तो देवास जिले के कन्नौद मुख्यालय पर पुरानी तहसील कार्यालय के पीछे स्थित उप पंजीयक कार्यालय में आसानी से देखी जा सकती है जहां के आलम यह है कि दिन भर कार्यालय सुना पड़ा रहता है जहां सैकडो फाइले रखी हुई है।
कन्नौद। कहने को कन्नौद मे विकासखण्ड स्तर पर उप पंजीयक कार्यालय हैं लेकिन यहा महिनो से सब रजिस्टार अधिकारी का पद खाली पडा हुआ है जिस सब रजिस्टार अधिकारी के पास प्रभार है वो दो-दो जगह के प्रभार होने के कारण कन्नौद कार्यालय में पुरे समय नही बैठ पाते है जब कोई रजिस्ट्री का कार्य होना होता है तो वह आकर कार्य करके चले जाते हैं बाकी एक चपरासी के भरोसे कन्नौद का उप पंजीयक कार्यालय वर्षों से चल रहा है और तो और चपरासी ने भी अपनी निजी काम निपटाने के लिऐ रजिस्टार कार्यालय में अपनी जगह एवजी लगा रखा है जो चपरासी की अनुपस्थिति में चपरासी का कार्य आफीस मे करता है और चपरासी अपनी निजी व्यपार मे लगा रहता है रजिस्टार आफीस इसी हाल में संचालित हो रहा है विडमना यह है उच्चाधिकारीयो को इस कार्यालय की ओर देखने की फुर्सत नहीं है जहां कार्यालय में रजिस्ट्री कराने वाले हितग्राही आते हैं जिन्हें रजिस्टार नहीं मिलने से तथा कई लोगों को रजिस्टी की नकल भी समय पर नहीं मिल पाती है जबकि कन्नोद विकास खण्ड मुख्यालय होने से कार्य क्षेत्र बहुत बड़ा है जिसमें कन्नौद सतवास तेहसील आदि से लोग आकर परेशान होते हैं और इस उप पंजीयक कार्यालय में दलालों का बोलबाला खुलेआम रजिस्ट्री के नाम पर लाखों की लूट खसोट होती हे वही क्षेत्र में स्टांप वेंडर मनमाने शुल्क में स्टांप की बिक्री कर रहे हैं जिसे भी रोकने वाला कोई नहीं होने से वह अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं और बेचारा उपभोक्ता अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है क्या जिला कलेक्टर कभी इस कार्यालय का अचानक निरीक्षण कर यहां की अनियमितताओं को उजागर करने में कोई पहल करेंगे जिससे कि आम लोगों को इस कार्यालय में आने पर असुविधा का सामना ना करना पडे।
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