मांडू में सबसे अधिक ऊंचाई और मालवा निमाड़ के अंतिम छोर पर स्थित रानी रूपमती और बाज बहादुर के महल के हसीन नजारे आने वाले कुछ दिनों में सैलानी रोपवे के माध्यम से निहार सकेंगे। खड़ी चढ़ाई होने से बच्चे और वृद्ध पर्यटक रानी रूपमती महल देखे बिना ही लौट जाते थे। इसी को दृष्टिगत रखते हुए मप्र पर्यटन विभाग यहां यह पहल कर रहा है। देवास में माता मंदिर व सलकनपुर की पहाड़ियों पर रोपवे के सफल संचालन के बाद ओंकारेश्वर के साथ मांडू में भी विभाग का रोपवे लगाने का प्लान है। इस योजना को साकार करने के लिए मुंबई की रोपवे कंपनी आरपीएलसी ने मांडू आकर जानकारी जुटाई। विभागीय सूत्रों की मानें तो जल्द ही स्वीकृति और टेंडर के बाद मांडू को यह सुविधा मिलेगी।
जानकारी के अनुसार नर्मदा के प्राकृतिक स्थल रेवा कुंड से रानी रूपमती के महल के बीच करीब आधा किलोमीटर क्षेत्र में 5 रोपवे लगेंगे। इसमें 1 रोपवे में 4 सैलानी एक बार में आ-जा सकेंगे। पर्यटन विभाग ने पेरिस में आयोजित शो में रानी रूपमती और जहाज महल को बड़े स्तर पर प्रचारित किया था। ऐसे में विभाग चाहता है कि जब पर्यटक मांडू पहुंचेंतो उन्हें सभी सुविधाएं मिले।
हर वर्ग के पहुंच पाएगा रानी रूपमती और बाज बहादुर महल
रानी रूपमती महल मांडू के सबसे ऊंचे टीले पर है। जहां से नर्मदा के दर्शन भी होते हैं। यहां खड़ी चढ़ाई होने से पर्यटकों को चढ़ने में परेशानी होती है। रोपवे लगने के बाद हर वर्ग के पर्यटक रानी रूपमती और बाज बहादुर का महल देख सकेंगे। प्रति व्यक्ति 50 से 100 रु. इसका चार्ज लिया जाना प्रस्तावित है।
पर्यटकों के लिए प्रयास कर रहे हैं
राेपवे के लिए मांडू की रानी रूपमती महल को देखा है। सबसे ऊंची हिल स्टेशन पर यह महल बना होने से पर्यटकों की सुविधा के लिए प्रयास कर रहे हैं। शीघ्र ही प्रोजेक्ट बनाकर इसे मूर्त रूप दिया जाएगा।’
दिग्विजय सिंह यादव, मुख्य अभियंता, पर्यटन विभाग भोपाल
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