भोपाल. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया का प्रोजेक्ट अपनी गुणवत्ता को लेकर एक बार फिर विवादों के घेरे में है. साल में पुल धंसने की ये दूसरी घटना सामने आई है. 222 करोड़ की लागत से बने फ्लाईओवर (Flyover) को साल भर भी नहीं बीता कि सड़क धंसने और फ्लाईओवर की दीवारों में दरारों की शिकायत आने लगी. इन शिकायतों से कंपनी पर सवाल उठने लगे हैं. देर रात आसाराम तिराहे के ग्रेड सेपरेटर का एक तरफ का हिस्सा लगभग 20 मीटर धसक गया, जिससे ये फ्लाईओवर एक तरफ झुक गया है।
आनन फानन में मरम्मत का काम शुरू
फ्लाईओवर बनाने वाली कंपनी सीडीएस इंफ्रा ने आनन-फानन में जेसीबी मशीन को बुलाकर इसे तोड़ने का काम शुरू कर दिया है. फिलहाल ग्रेड सेपरेटर के एक साइड को तोड़ा जा रहा है. फ्लाईओवर में काम लगने के कारण रूट डायवर्ट कर ट्रैफिक वन वे कर दिया गया है. कंपनी का कहना है कि इसकी दूसरी साइड दोबारा बनाई जाएगी. इससे पहले लालघाटी से मुबारकपुर दाता कॉलोनी के ब्रीज में खामी देखने को मिली थी।
सवालों के घेरे में पुल निर्माण कंपनी
पिछले साल बारिश के दौरान दाता कॉलोनी ग्रेड सेपरेटर के ब्लॉक खिसकने की शिकायत सामने आई थी. शिकायत मिलने पर इसे तोड़कर दोबारा बनाया जा रहा है. सिंगार चोली से मुबारकपुर चौराहे तक 222 करोड़ की लागत से फ्लाईओवर का निर्माण किया गया था. लेकिन जिस तरीके से सालभर में पुल धसने की दूसरी घटना सामने आई है, सड़क बनाने के लिए इस्तेमाल हुए माल की गुणवत्ता और कंपनी पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
फ्लाईओवर की कमियों को पूरा में जुटी कंपनी
फ्लाईओवर की धसी सड़कों और दरार वाली दीवारों को दोबारा दुरूस्त करने के लिए फिर से काम शुरू करा दिया गया है. रविवार-सोमवार की आधी रात को फ्लाईओवर में चौराहे के पास पैनल खिसक गए थे जिससे कई जगह पर सड़क दब गई थी. सड़क दबने के चलते कई बाउंस भी आ गए थे. कमियों को देखते हुए मौके पर तत्काल जेसीबी बुलाई गई और टैफिक बाधित कर काम शुरू करवा दिया गया. फिलहाल फ्लाईओवर पर वन वे टैफिक व्यवस्था चालू है. मेका फेरी कंपनी की ओर से फ्लाईओवर की कमियों को पूरा किया जा रहा है
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