बडवाह : शिक्षा का मूल उद्देश्य ज्ञान की प्राप्ति और अज्ञान की निवृत्ति है।शिक्षा का संबंध सभ्यता और संस्कृति से जुड़ा हुआ है।छात्र-छात्राए कम नंबर आने पर हतोत्साहित ना हो ,
आत्महत्या कर प्राणउत्सर्ग ना करें और कोई गलत कदम ना उठाएं। उक्त बात सरस्वती शिशु विघा मंदिर में कक्षा 12 वी के अध्यनरत भाई बहनों के बिदाई समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पुज्य माताजी डॉक्टर कल्याणी चैतन्य जी ने कहि । साथ ही स्कूल की व्यवस्था,अनुशासन को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की है।
उन्होंने विद्यार्थियों को विद्वान बनने के लिए विद्या ग्रहण करने की बात कही। आगे डॉ कल्याणी चैतन्य माताजी ने कहाकि आपस में सहयोग करना चाहिए साथ ही संस्कार और संस्कृति के लिए उन्होंने कहा ईश्वर ही सद्बुद्धि प्रदान करता है इसलिए समस्त विद्यार्थियों को नित्य ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सूर्य को जल देना, नित्य गीता और रामचरितमानस की चौपाइयों का पाठ करना साथ ही वैदिक वर्ण व्यवस्था का पालन करना माता पिता के सम्मान और आज्ञा का पालन करना चाहिए।
विधालय का अनुशासन और स्वच्छता देखकर माताजी ने स्कूल समिति के अध्यक्ष व्यवस्थापक और सचिव सहित सभी सदस्यों को बहुत साधुवाद और आशीर्वाद प्रदान किया। विदाई के अवसर पर भैया बहनों का कक्षा ग्यारहवीं के भैया बहनों ने शुद्ध देसी तरीके से तिलक श्रीफल, मिष्ठान्न आदि भेंट कर आभार प्रकट कर भावभीनी विदाई दी साथ ही उपस्थित उपस्थित वरिष्ठ जनों ने मार्गदर्शन के साथ उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए आशीर्वचन भी दिए ।
इस अवसर पर संस्था प्रबंधक रामकिशन जायसवाल,राजेश जायसवाल,हरीश सामरिया,परसराम मालवीय,प्रेमनारायण कांसल,अजीत जैन,नरेश जैन,टीकमचंद कपूर,हेमचंद खंडेलवाल,अशोक बजाज गुरुचरण सिंह भाटिया,कैलाश साहू,रविंद्र कुलकर्णी,बाबूलाल अग्रवाल, विशाल वर्मा सहित समस्त स्टॉफ उपस्तित थे ।
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