पुनासा - पंचायत चुनाव की तारीख की घोषणा बेशक अभी नही हुई लेकिन संभावित प्रत्याशीयों ने अभी से अपनी अपनी पैठ जमाना शुरू कर दी है । पुनासा ग्राम पंचायत कें पिछले दों चुनाव के मतदान पर गौर करें तों सरपंच चुनाव मे सुदामा नगर कें मतदाताओं की अहम भूमिका रही है । लेकिन इस बार अनारक्षित सरपंच पद होने से दावेदारों की संख्या अधिक नज़र आ रही है। आसान नही होगा जीतने के बाद नये सरपंच के लिये पुनासा ग्राम पंचायत कें सरपंच कें पद पर बैठना । सचिव के मुताबिक लाखों रुपये का बिजली बिल ओर कर्मचारियो का बकाया वेतन जो की सरपंच कें बैठते ही उसके गले मे नौलखा कर्ज़ का हार बनकर पड़ेगा । यही नही कई चुनौतियाँ भी होगी नई पंचायत बाडी के लिये जैसे चारो तरफ मुख्य मार्ग पर पसरी पड़ी गंदगी , स्टेट लाईट , नालियां , नियमित साफ़ सफ़ाई , नियमित पेयजलापूर्ति , सार्वजनिक शौचालय , यात्री प्रतीक्षालय , बस स्टेन्ड , स्वीकृत पड़े आगनवाड़ी भवनौ कों बनवाना , सड़को पर खड़े यातायात कों बाधित करने वाले वाहनों के लिये वाहन पार्किग , मदिरा व शराब दुकाने आवासीय परिसर से बाहर करवाना ,असामाजिक तत्वों की शरण स्थली बन चुके शहीद स्मारक स्थल की सुरक्षा व साफ़ सफ़ाई , बड़ते हुए अतिक्रमण कों रोकना अन्य ग्राम विकास के मुद्दे है ।
दर्जनभर प्रत्याशियों मे से इन मुद्दॊ का हल कौन प्रत्याशी कर पायेगा , यह बात ग्राम पंचायत कें 5400 मतदाताओ कों अभी से ही सुनिश्चित करना होगा । फिलहाल दों दर्जन से अधिक दावेदार संभावित है पुनासा ग्राम पंचायत मे सरपंच पद के लिये जो अपनी दावेदारी कर रहे है । इन मुद्दॊ मे सबसे बड़ा मुद्दा है अतिक्रमण का । कई प्रत्याशी ऐसे है जिनका स्वयं का या परिवार कें सदस्यों के नाम से शासकीय भूमि पर अवैध कब्ज़ा है ।इन परिस्तिथियों मे अगर जनता द्बारा कमजोर इच्छा शक्ति वाला प्रत्याशी अगर चुना जाता है तों संभव नही है की वह इन मुद्दॊ का हल निकाल ग्राम का विकास कर पायेगा । अगर जातिगत आधार पर बात करें तों किसी जाति विशेष के सरपंच का बन पाना भी असंभव बात है, जब तक उसकी अन्य वर्ग मे पैठ ना हो क्योकी जाति धर्म कें आधार पर मतदान तों हो सकता है लेकिन उस प्रत्याशी की जीत अनिश्चित है । पिछले चुनाव कें नतीजो की समीक्षा करें तों आप स्वयं भी इस बात पर अपनी मुहर लगा दोगे ।
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