भोपाल - कोरोना वायरस (कोविड-19) का कोई संदिग्ध या पॉजिटिव मरीज, संस्था, परिसर या मकान मालिक क्वारेंटाइन या आइसोलेशन से मना करता है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। इस संबंध में जिला दंडाधिकारी (कलेक्टर) को अधिकार दिए गए हैं। इस बीमारी से निपटने के लिए सरकार ने मप्र एपीडेमिक डिसीजेज एक्ट 2020 में यह प्रावधान किया है। अन्य नियम भी बनाए गए हैं। इसे लेकर शनिवार को गजट अधिसूचना जारी की गई है। यह एक्ट एक साल तक के लिए लागू होगा। प्रावधानों के उल्लंघन पर आईपीसी की धाराओं के तहत संबंधित के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
एक्ट में यह किए प्रावधान
- कोई भी नर्सिंग होम, क्लीनिक व अन्य केन्द्रों को कोविड 19 का संदिग्ध या पॉजिटिव प्रकरणों की सूचना अपने जिले की एकीकृत बीमारी सतर्कता ईकाई को देना होगी।
- कलेक्टर की अध्यक्षता में इस बीमारी पर नियंत्रण के लिए जिला आपदा प्रबंधन समिति बनेगी। कलेक्टर आपदा प्रबंधन के लिए विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की ड्यूटी लगा सकेंगे।
- स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्त, डीएमई व कलेक्टर की अनुमति के बिना कोई भी व्यक्ति या संस्था कोविड-19 के प्रचार-प्रसार के लिए प्रिंट व इलेक्ट्रानिंग मीडिया में जानकारी नहीं देगा।
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