भोपाल - मंडीदीप के वार्ड 24 शीतल टाउन में रहने वाली छात्रा इंदौर में रहकर पढ़ाई करती थी। 21 अप्रैल को इंदौर से बिना किसी अनुमति के वह अपने भाई के साथ बाइक से मंडीदीप पहुंच गई। संपूर्ण लॉकडाउन में संवेदनशील शहर इंदौर से देवास, सीहोर, भोपाल, रायसेन प्रमुख जिलों से बचकर छात्रा मंडीदीप पहुंच गई। इन्हें किसी चेक पोस्ट पर पुलिस ने नहीं रोका और न ही पूछताछ की। तीन दिन घर पर सामान्य रहने के बाद उसे सर्दी-बुखार की शिकायत हुई तो परिजन मंडीदीप स्थित सामुदायिक स्वास्थ केंद्र लेकर पहुंचे। डॉक्टरों ने उसे भोपाल रेफर कर दिया एवं 24 अप्रैल को हमीदिया अस्पताल में उसका कोरोना टेस्ट हुआ। 26 अप्रैल को उसकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिाव आई। 27 अप्रैल को सुबह स्वास्थ विभाग राजस्व व पुलिस अमला शीतल टाउन पहुंचा व घर के सभी सदस्यों को होम क्वारंटइन किया। परिवार के छह सदस्यों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए गए हैं। साथ ही नगर पालिका के अमले ने पूरे शीतल टाउन को सैनिटाइ किया। शीतल टाउन को कंटेनमेंट एरिया घोषित किया गया है।
परिजन करते रहे गुमराह
छात्रा के परिजनों ने स्वास्थ विभाग एवं पुलिस को ट्रेवल हिस्ट्री में गुमराह किया। पिता द्वारा बताया गया कि बेटी इंदौर में लॉ की पढ़ाई करती है एवं इंदौर से 21 मार्च को ही आ गई है। जब लगातार पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो स्वीकार किया कि बेटी 21 अप्रैल को मौसेरे भाई के साथ पुलिस चेक पोस्ट से बचकर बाइक से रात में आई है। सवाल यह उठता है कि इंदौर जैसे संवेदनशील क्षेत्र से पुलिस को चकमा देकर मंडीदीप कैसे आ गई। यह गंभीर लापरवाही पुलिस चेक पोस्ट की पोल खोलती है। मंडीदीप थाना प्रभारी राजेश तिवारी ने बताया कि बाहर से आने की सूचना स्थानीय थाने एवं अस्पताल को न देने के कारण थाना मंडीदीप में संबंधित व्यक्तियों के विरुद्घ मामला दर्ज किया गया है।
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