दो किलोमीटर तक मार्ग कें दोनो और से गृहणी और व्यवसायीयों ने अधिकारियों के वाहनों पर पुष्पवर्षा की
पुनासा। पुनासा मे एक माह से अधिक समय बीत गया लोग लॉक डाउन कें चलते अपने अपने घरों मे केंद रहे इस दौरान जहाँ पुलिस ने जरूरी काम के लिये घर से बाहर निकलने वालो की मदद की वही अनावश्यक बाहर जाने वालो से दण्ड बैठक भी लगवाई साथ ही आदतन बाहर निकलने वालो कों डण्डे का खौफ भी दिखाया । रविवार कों एस डी एम और एस डी ओ पी ने पुलिस चौकी मे अन्य दुकानों कों खोले जाने पर व्यापारियों की बैठक ली थी जिसके परिणाम स्वरूप मंगलवार कों प्रतिबंधित दुकानों कों छोड़कर सभी दुकानें सुबह 9 बज़े से दोपहर 1 बज़े तक दुकानें खोली गई । लॉक डाउन के 35 दिन हो चुके है बाज़ार लगातार बन्द रहे । मंगलवार 28 अप्रेल को जब दुकानें खुली तों 35 दिनों से वीरान सा नज़र आने वाला बाज़ार गुलज़ार नज़र आया । हालाकि व्यापारियों ने इस दौरान सुरक्षा संबधित उपायो कों खुद भी अपनाया और ग्राहको कों प्रेरित किया ।
सख्ती के साथ नरम रुख भी नज़र आया
पुलिस और राजस्व दोनों विभागों के अधिकारी कर्मचरियों द्वारा लॉक डाउन कें नियमो का सख्ती से पालन किया और करवाया वही जरूरत मंद लोगो कों सभी तरह का किराना सामान व अनाज भी राशन कें रूप मे पहुंचाया । मंगलवार सुबह सभी दुकानें खुली जिसमें ग्राहकों ने अपनी जरूरत का सामान खरीदा दुकानें बन्द होने की समयावधि समाप्ति पर एस डी एम ममता खेड़े , तहसीलदार सीमा मौर्य , एस डी ओ पी राकेश पेण्ड्रो , थाना प्रभारी जी पी कनेल एवं चौकी प्रभारी औमप्रकाश सिंह के वाहनों का काफ़िला हमेंशा की तरह निरीक्षण के लिये निकला तों पुलिस चौकी से कालसन माता चौराहे तक सभी दुकानदारो और गृहणियों ने पिछले 35 दिनों के दौरान दोनों विभागों के अधिकारी कर्मचारियो की उत्कृष्ट कार्यशैली से कोरोना वायरस के संक्रमण से नगर की सुरक्षा किए जाने पर उनके सम्मान मे पुष्प वर्षा की गई सभी अधिकारियों के वाहनों का काफिला हमेशा की तरह पुलिस चौकी से कालसन माता चौराहे तक सायरन बजाते हुए निकला था ।एस डी एम ममता खेड़े ने इस दौरान जिन दुकानों कों नही खोले जाने की अनुमती नही मिली है जैसे सेलून दुकान ,ब्यूटी पार्लर , पान दुकान , होटल, चाय दुकान , पानी पूरी वाले ऐसे दुकानदार जिनकी दुकानें ना खुलने पर प्रभावित होगें इनके लिये कार्य योजना बनाई जाकर इन्हे अन्य कोई रोज़गार दिये जाने की बात कही जिससे स्तिथि सामान्य ना हो जब तक ये लोग अपना व अपने परिवार का भरण पोषण कर सके ।
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