जबलपुर। मध्य प्रदेश के सभी जिलों में लोगों की हर तरह की समस्या को सुनने के लिए टोल फ्री नंबर 104 जारी किया। लेकिन इस हेल्पलाइन नंबर पर मदद मांगने वालों को सहायता देने वाले नहीं पहुंचते हैं। जिले में एक आईपीएस संक्रमित हो चुके हैं। इनके संपर्क में आए आबकारी के अधिकारी ने इस नंबर पर कॉल किया और जांच कराने की मांग की। उनकी बात तो सुन ली गई लेकिन पांच दिन बीत जाने के बाद भी कोई दल उनकी जांच करने नहीं आया। यहां तक कि किसी ने यह नहीं पूछा कि आखिर उनकी तबीयत कैसी है, या जांच हुई की नहीं। लोगों का भी कहना है कि इस नंबर से ज्यादा बेहतर सेवा स्थानीय जिला प्रशासन के जारी नंबरों पर मिल रही है।
अब खुद ही जाकर कराएंगे जांच
पॉजिटिव निकले आईपीएस के संपर्क में आए आबकारी अधिकारी ने अब खुद लैब जाकर जांच कराने का मन बनाया है। हालांकि उन्हें अभी तक बुखार या किसी अन्य तरह के लक्षण नहीं देखने मिले। फिर भी संतुष्टि के लिए वह जांच कराना चाहते हैं।
ये नंबर ज्यादा बेहतर
जिला प्रशासन के सेंट्रल कमांड सेंटर वाले नंबरों पर लोग सबसे ज्यादा फोन करते हैं। हालांकि यह नंबर भी कभी कभार लोगों को बहुत देर तक व्यस्त मिलते हैं। बावजूद इसके लोगों की समस्या सुनी व दर्ज की जाती है। हालांकि 181 टोल फ्री नंबर पर भी लोग फोन लगाते हैं। चूंकि यह दोनों नंबर सीधे भोपाल सेंटर से जुड़े हैं, इसलिए पहले सूचना भोपाल में दर्ज होती है। उसके बाद जिलों को ट्रांसफर की जाती है।
- 0761 2637500 नंबर वर्तमान में सबसे ज्यादा उपयोग किया जा रहा है। इसके अलावा कलेक्टर कार्यालय से जारी फोन नंबरों पर भी तत्काल सूचना व मदद भेजी जाती है।
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