वर-वधू एवं पंडित सहित पांच व्यक्तियों की ही अनुमति रहेगी, अन्य जिलों एवं राज्यों सेें बारात आना-जाना प्रतिबंधित
विवाह आयोजन के लिए दिशा-निर्देश जारी
बाड़मेर - विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोरोना वायरस को महामारी घोषित किये जाने की स्थिति को देखते हुए संक्रमण रोकथाम के लिए जिला मजिस्ट्रेट विश्राम मीणा ने विवाह आयोजनों के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए है। आवश्यक शर्तो की पालना सहित अनुमति दिये जाने के लिए संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट अधिकृत होंगे।
जिला मजिस्ट्रेट विश्राम मीणा ने जिले में आगामी दिनों में विवाह कार्यक्रमों के आयोजन की संभावनाओं को देखते हुए तथा वर्तमान कोरोना संक्रमण की परिस्थितियों के मद्देनजर एक आदेश जारी कर महत्वपूर्ण दिशा निर्देश जारी किए है। उन्होने बताया कि इस संबंध में विवाह कार्यक्रमों के आयोजन हेतु समस्त शर्तों की पालना अनुमति के बाद संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट को अनुमति पत्र जारी करने के लिए अधिकृत किया गया है। उन्होने बताया कि विवाह आयोजन में वर-वधू एवं पडित सहित 5 व्यक्तियों को ही अनुमति दी जा सकेगी। साथ ही जिले से बाहर अन्य जिलों अथवा राज्यों में बारात का आना-जाना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।
बाल-विवाह आयोजनों पर हो कार्यवाही
जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी आदेशानुसार विवाह आयोजन की अनुमति जारी करते समय उपखण्ड मजिस्ट्रेट को यह सुनिश्चित करना होगा कि विवाह कार्यक्रम बाल विवाह तो नहीं है। तत्पश्चात नाबालिग पाए जाने पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के दण्डात्मक प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जाएगी। साथा ही समस्त उपखण्ड अधिकारियों को अपने क्षेत्रों में बाल विवाह आयोजनों पर विशेष नजर रखते हुए कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए है।
वधू-पक्ष के घर हो आयोजन
उन्होने बताया कि विवाह आयोजन वधु पक्ष के आवास पर ही करना होगा, जिसका अनुमति में विवरण दिया जाना आवश्यक होगा। विवाह का आयोजन होटन, सार्वजनिक भवन, धर्मशाला अथवा मंदिर में करना प्रतिबंधित रहेगा। विवाह स्थल के अतिरिक्त अन्य क्षेत्र में आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी।
उन्होने अनुमति पत्र में विवाह स्थल पर राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है।
टेन्ट, बैण्ड-बाजा इत्यादि प्रतिबंधित
जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि आयोजन के दौरान बेवजह घूमन, फोटोग्राफी एवं विडियोग्राफी की अनुमति नहीं होगी। इस दौरान किसी भी प्रकार का शोरगुल, लाउडस्पीकर, बैण्ड-बाजा, ढोल, नाच-गान इत्यादि पूर्णतया प्रतिबंधित रहेंगे। साथ ही टेन्ट, हलवाई से खाना, रोशनी करना भी प्रतिबंधित रहेगा।
मास्क एवं सफाई अनिवार्य
उन्होने बताया कि विवाह आयोजन में भाग लेने वाले अनुमत व्यक्तियों को मुह पर मास्क अनवार्य रूप से पहनना होगा। साथ ही सामाजिक दूरी के नियमों सहित सेनेटाईजर व साबुन से हाथ धोने जैसी आवश्यक बातों का पालन करना होगा। आयोजन स्थल पर आम सतहों की बार-बार सफाई व हाथों की धुलाई करना अनिवार्य रहेगा। साथ ही किसी भी प्रकार को सामूहिक प्रतिभोज समारोह आयोजन पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। आयोजन स्थल एवं इसके आस-पास थूकना एवं गुटका व तम्बाकू उपयोग करने पर दण्डात्मक कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
अधिकारी रखेंगे आयोजन पर नजर
विवाह आयोजन निरीक्षण करने के लिए सक्षम राजकीय अधिकारी, कर्मचारी, थाना प्रभारी या उनके द्वारा नामित अधिकारी स्वतंत्र होंगे। उनके कार्य में किसी भी प्रकार की बाधा करने पर दण्डात्मक कार्यवाही की जाकर विवाह आयोजन निरस्त किया जा सकेगा। लॉकडाउन के संबंध में जिले में जारी की गयी निषेधाज्ञा का पूर्ण पालना करना अनिवार्य रहेगा। साथ ही कोरोना महामारी व लॉकडाउन के परिपेक्ष्य में जिला स्तर, राज्य स्तर एवं केन्द्र स्तर पर जारी दिशा-निर्देशों की अवहेलना की जानकारी मिलने पर जारी अनुमति स्वतः ही निरस्त समझी जाएगी तथा भा.द.स. की धारा 188, राजस्थान एपीडेमिक डिजीजेज एक्त 1957 एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 में कार्यवाही एवं जुर्माना अमल में लाया जा सकता है।
विवाह पश्चात होगी चिकित्सकीय जांच
उन्होने बताया कि विवाह पश्चात विवाह में शामिल होेने वाले व्यक्तियों को नियमानुसार चिकित्सा जांच, स्क्रीनिंग करवाते हुए चिकित्सकीय राय अनुसार आवश्यकता होने पर 14 दिन के होम क्वारेंटाईन में रहना आवश्यक होगा। साथ ही विवाह हेतु उपयोग किये गए वाहन का आने व जाने पर सेनेटाईजेशन करवाया जाना आवश्यक होगा।
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