शेल्बी हॉस्पिटल से सनावद के आजाद नगर पहुंच गया शव, परिवार के 32 लोग हुए क्वॉरेंटाइन, इलाके को किया सील
इंदौर/सनावद - कोरोना के संदिग्ध और पाजिटिव मरीजों के शव अस्पतालों से सीधे मुक्तिधाम ले जाने के निर्देश कलेक्टर ने 9 अप्रेल को जारी किए थे। लेकिन सांठगांठ से इन दिनों शव शहर से बाहर जा रहे हैं। शेल्बी अस्पताल में इलाजरत एक मरीज का शव सनावद तक पहुंच गया जिससे वहां हड़कम्प मच गया। स्थानीय प्रशासन ने वहां के आजादनगर इलाके को सील कर 32 परिजनों को क्वारन्टीन किया है। मामला सामने आने के बाद क्षेत्र में हड़कम्प मचा हुआ है। दरअसल 23 मई को सनावद से सईद अहमद पिता अब्दुल नासिर पटेल 54 वर्ष, को इलाज के लिए परिजन शेल्बी हॉस्पिटल लेकर पहुंचे थे। यहां इलाज के दौरान सईद की 26 मई को मौत हो गई। मौत के बाद परिजन शव को लेकर सनावद के आजाद नगर स्थित अपने घर करीब ढाई बजे पहुंच गए। वाहन क्रमांक एमपी 09 सीई 3052 से शव को ले जाया गया। यहां अंतिम संस्कार की तैयारी की गई। संदिग्ध व पजीटिव मरीजों के लिए बने नियमों को ताक पर रखकर शव को नहलाया गया और फिर कब्रिस्तान ले जाया गया। जबकि कलेक्टर मनीष सिंह 9 अप्रेल को इस संबंध में आदेश जारी कर चुके हैं की कोई भी शव अस्पताल से घर नहीं जाएगा न जिले के बाहर जाएगा। उसे सीधे इंदौर के ही मुक्तिधाम या कब्रिस्तान ले जाना होगा। अंतिम संस्कार में भी 5 से अधिक लोगों के शामिल नहीं होने की बात कही गई। लेकिन सईद के रसूखदार परिजनों ने इस आदेश को हवा कर दिया। मिली जानकारी के अनुसार सईद के दो भाई पुलिस में है, एक प्रशासनिक अधिकारी है तथा पूरा परिवार रसूखदार है।
सूचना मिली तो मच गया हड़कम्प
सनावद एसडीएम मिलिंद ढोके से जब हमने इस संबंध में बात की तो उन्होंने बताया कि शेल्बी अस्पताल प्रबंधन द्वारा स्वास्थ विभाग को 27 मई को सूचित किया गया था कि उक्त व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव था। जिसकी मौत हुई है। जानकारी मिलने के बाद हमने 32 परिजनों को व मिलने जुलने वालों को क्वॉरेंटाइन किया है और जिन्हें लक्षण दिखे हैं उनके सैंपल भी लिए हैं। सभी पर नजर रखी जा रही है किसी में भी लक्षण दिखते हैं तो उनका इलाज करवाया जाएगा। उधर परिजनों ने एक अनुमति भी अधिकारियों को जारी की है जिस पर सवाल खड़े हो रहे हैं। क्योंकि अनुमति डॉ. जुबेर पटेल ने एडीएम इंदौर को पत्र लिख मांगी थी जिसपर एडीएम पवन जैन का नम्बर लिखा है। हमने जब उनसे बात की तो बोले मुझे इसकी जानकारी नहीं है। वहीं अनुमति लेने वाले डॉ. जुबेर पटेल का कहना है कि मेरे भाई वसीम ने अनुमति ली थी मुझे इसकी जानकारी नहीं है। जुबेर ने खुद को मृतक सईद का भतीजा बताया है। ऐसे में अनुमति की जांच कर अगर यह फर्जी है तो संबंधितों पर प्रकरण दर्ज होना चाहिए।
सांठगांठ का आरोप
स्थानीय निवासियों ने मामला सामने आने के बाद अधिकारियों पर सांठगांठ का आरोप लगाया है। स्थानीय सूत्रों का कहना है कि सईद का परिवार रसूखदार है और परिजन पुलिस और प्रशासनिक सेवा में है। जिसके चलते नियमों को ताक पर रखकर शव को इंदौर से सनावद लाया गया और कई लोगों की जान खतरे में डाली गई। ऐसे में पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर जो भी जिम्मेदार हैं उन पर कार्रवाई की जाना चाहिए। क्योंकि पूर्व में भी ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी है। इंदौर से पॉजिटिव मरीजों के शव दूसरे जिलों में जाने के बाद वहां अन्य लोग भी इसकी चपेट में आ गए थे। इसके बाद कलेक्टर मनीष सिंह ने शव बाहर ले जाने पर पाबंदी लगा दी थी।
अस्पताल में इलाजरत संदिग्ध और पॉजिटिव मरीज का शव जिले के बाहर नहीं ले जाया जा सकता। अगर ऐसा कृत्य किया गया है तो जांच कर नियमानुसार कार्रवाई करेंगे। अस्पताल से भी जानकारी मांगी जाएगी।
- डॉ प्रवीण जड़िया, सीएमएचओ इंदौर
Comments
Post a Comment