Skip to main content

मानव मूल्य आधारित पत्रकारिता का विश्वविद्यालय करें दिशा दर्शन: श्री


सात दिन सात व्याख्यान माला के शुभारम्भ सत्र को राज्यपाल ने किया सम्बोधित


भोपाल -  राज्यपाल श्री टंडन ने कहा है कि भारतीय पत्रकारिता के इतिहास की विरासत और वैचारिक प्रतिबद्धता से प्रेरणा लेकर आज की आवश्यकताओं के अनुरूप पत्रकारिता का दिशा दर्शन समय की आवश्यकता है। पत्रकारिता मानव मूल्यों के आधार पर समाज के वंचित वर्ग के कल्याण और राष्ट्र की सुरक्षा पर चिंतन है। पत्रकारिता विश्वविद्यालय को इस दिशा में संकल्पित होकर प्रयास करना होगा। श्री टंडन आज राजभवन से हिन्दी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित सात दिन-सात व्याख्यान के शिक्षा, पत्रकारिता और जीवन मूल्य विषय पर आयोजित ऑन लाइन शुभारम्भ सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति श्री संजय द्विवेदी भी मौजूद थे।


राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि भारत में मिशन के रूप में पत्रकारिता का शुभारम्भ हुआ था। इसका आधार भावनाओं को जनमानस तक पहुँचाने का प्रयास था। देश की गुलामी के विरोध में जो भावनाएँ बनी थी। उनको प्रसारित करना था। पत्रकारों ने इसके लिए बड़ी-बड़ी कुर्बानियाँ दीं। उन्होंने बताया कि समाज का ज्ञान और उसकी समस्याओं के प्रति विचार और चिंतन जब लेखनीबद्ध होता था तो वह ज्वाला बन जाता है। स्वतंत्रता संग्राम की ऐसी पत्रकारिता में बाल गंगाधर तिलक, गणेश शंकर विद्यार्थी माखनलाल चतुर्वेदी आदि नामों की एक लम्बी श्रृंखला है। उन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाओं के लिए विभिन्न स्वनाम धन्य पत्रकारों का उल्लेख करते हुए कहा कि उत्तरप्रदेश में कांग्रेस के संस्थापकों में बाबू गंगा प्रसाद वर्मा जिन्होंने हिन्दीं, अंग्रेजी और उर्दू में छोटे-छोटे अखबारों से जन जागृति की मिसाल कायम की। घर से ही अखबार छापने और उसमें अग्रलेखन के लिए जेल आने-जाने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पत्रकार महेशनाथ शर्मा पत्रकारिता के संघर्ष और राष्ट्र के प्रति समर्पण के प्रतीक थे।


श्री टंडन ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय का स्मरण करते हुये कहा कि वे अखबार से जुड़े सभी कार्य स्वयं करते थे। स्वयं लिखते, एडिट और कम्पोज करते थे। मशीन चलाने के लिए मात्र एक सहायक था। उसकी अनुपस्थिति में स्वयं मशीन चलाते थे। मशीन चलाते हुए कई बार बेहोश तक हो जाते थे। उनकी पत्रकारिता में विचारों के प्रति प्रतिबद्धता, संकल्प और समर्पण का ही सुफल है कि आज विकास का मॉडल अन्त्योदय उन्हीं की अवधारणा है। उन्होंने स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी का स्मरण करते हुये कहा कि उन्होंने कई अखबारों का सम्पादन किया। वह प्रधानमंत्री के पद तक पहुँचे। साहित्यिक समाज में एकमात्र कवि थे जिनका सामाजिक, आर्थिक और आध्यात्मिक चिंतन था। अखबार का अग्रलेख हो अथवा कविता की पंक्तियाँ उन्हें सारे समूह से अलग खड़ा कर देती थी। पत्रकारिता से प्रारम्भ कर अनेक ख्यातनाम व्यक्ति बड़े-बड़े पदों पर पहुँचे हैं। पत्रकारिता सामाजिक, साहित्यिक, राजनैतिक जीवन में प्रवेश का स्त्रोत भी है। उसकी वैचारिक समृद्धता का संग्रह भी है।


उन्होंने कहा कि आपातकाल के रूप में जब सेंसरशिप का दौर आया था तब श्री रामनाथ गोयनका ने पत्रकारिता की अलख जलाई रखी। उन्होंने सत्ता से समझौता नहीं किया। जब उन्हें हानि की आशंकाएं बताई जाती थी तब वे कहते थे कि मेरे पूर्वज केवल लोटा लेकर आए थे। इससे नीचे क्या जायेंगे। उनका यह वाक्य पत्रकारिता को परिभाषित करने वाली गौरवपूर्ण उक्ति है। उन्होंने प्रभाष जोशी जी के साथ एक प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने अपने चुनाव के दौरान जब पेड न्यूज के विरोध में आवाज उठाई थी तब प्रभाष जोशी ने उनसे सम्पर्क कर, इस प्रथा के विरोध में खड़े होने की बात कही थी। श्री जोशी ने पेड न्यूज के संबंध में पूरे देश में जाकर एक पुस्तक का निर्माण किया। इसके द्वारा पेड न्यूज की प्रथा को खत्म करने के लिए उन्होंने सबसे पहले आवाज उठाई। पेड न्यूज की प्रथा को आज नियंत्रित हुई है। उसका श्रेय प्रभाष जोशी को जाता है। उन्होंने कहा कि यह प्रसंग स्वच्छ पत्रकारिता के मूल्यों के लिए प्रतिबद्धता और संकल्प को पूरा करने की पत्रकार की क्षमताओं का सफल उदाहरण है। उन्होंने कहा कि सफल पत्रकारिता के लिए इन प्रेरणा प्रतीकों के आत्मबल, प्रतिबद्धता और सामाजिक सरोकारों के प्रति निष्पक्षता के गुणों से युवा पीढ़ी को प्रेरणा ली जानी चाहिए।


कार्यक्रम के प्रारम्भ में कार्यवाहक कुलपति श्री संजय द्विवेदी ने कार्यक्रम की रुपरेखा पर प्रकाश डाला। राज्यपाल श्री टंडन के प्रति आभार ज्ञापन किया।


Comments

Popular posts from this blog

लगातार ठिकाना बदल रहा आरोपी, मुंबई क्राईम ब्रांच की उज्जैन और ओंकारेश्वर में ताबड़तोड़ छापेमारी

उज्जैन (ब्यूरो) - एनसीपी नेता व महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या में शामिल एक आरोपी की तलाश में मुंबई पुलिस की टीम मध्यप्रदेश पहुंची है। पुलिस ने अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया है। हत्या में और लोगों के शामिल होने का संदेह है। एक पुलिस अधिकारी ने मुताबिक, मुंबई पुलिस की एक टीम मध्यप्रदेश पुलिस के साथ मिलकर आरोपी शिवकुमार गौतम उर्फ शिवा (जो उत्तर प्रदेश के बहराइच का रहने वाला है) की तलाश कर रही है। ऐसी आशंका है कि वह मध्यप्रदेश में छिपा हो सकता है और उसे मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले और ओंकारेश्वर (खंडवा) में खोजा जा रहा है। रविवार शाम 7:30 बजे तक किसी का पता नहीं चल पाया है। उन्होंने दावा किया कि संदिग्ध आरोपी संभवत: लगातार अपना ठिकाना बदल रहा है। दो आरोपी गिरफ्तार क्राइम ब्रांच अधिकारी ने रविवार शाम को मुंबई में मीडिया को बताया, मुंबई पुलिस ने 15 टीमें गठित की हैं, जिन्हें महाराष्ट्र से बाहर भेजा गया है और यह पता लगाने के लिए जांच जारी है कि शूटरों को किसने रसद सहायता प्रदान की? पुलिस ने अब तक गिरफ्तार किए गए आरोपियों से दो पिस्तौल और 28 जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं...

हनुवंतिया रिसॉर्ट में रुके दंपती के जलाशय में मिले शव, जांच जारी

खंडवा (ब्यूरो) - पुनासा ब्लॉक स्थित मिनी गोवा कहे जाने वाले पर्यटन स्थल हनुमंतिया में बड़ा हादसा सामने आया है। यहां सोमवार को पानी पर तैरते हुए दो शव नजर आए, जिसे देख मौके पर मौजूद पर्यटन विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में मूंदी थाना पुलिस सहित बीड चौकी पुलिस को इसकी सूचना दी गई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस भी तुरंत मौके पर पहुंची और शव को पानी से बाहर निकाला गया। शवों की पहचान भगवान सिंह धाकड़ (66) और उनकी पत्नी सुनीता बाई (इंदौर निवासी) थे, जो रिलायंस कंपनी में जनरल मैनेजर पद से रिटायर हुए थे। वे पत्नी के साथ हनुवंतिया घूमने आए थे। जिन्होंने ऑनलाइन ही यहां की बुकिंग की थी और इस दौरान वे यहां बने कॉटेज में ही रुके थे।  हनुवंतिया में दंपती की मौत की खबर सुनकर परिजनों में कोहराम मच गया। मृतक भगवानसिंह का साला और भतीजा अपने परिवार के साथ हनुवंतिया पहुंचे। दंपती की दो बेटियां अमेरिका में डॉक्टर हैं। वे दोनों दो दिन के ट्रिप पर हनुवंतिया आए थे और सोमवार शाम को इंदौर लौटने वाले थे, लेकिन तभी यह दर्दनाक हादसा हो गया। सोमवार सुबह एमपीटी रिसॉर्ट के मैन...

एमपी कांग्रेस में घमासान : पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह पर बड़ा आरोप, इंदौर कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखी चिट्ठी

इंदौर (ब्यूरो) - मध्य प्रदेश कांग्रेस में घमासान जारी है। अब इसके दायरे में पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी आ गए हैं। इंदौर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने दिग्विजय पर बड़ा आरोप लगाया और इसको लेकर एक पत्र भी लिखा। देवेन्द्र यादव ने दिग्विजय सिंह पर उन्हें अपमानित करने का आरोप लगाया है। उनका यह भी कहना है कि उस समय तो मैंने कुछ नहीं कहा लेकिन इस अपमान के जवाब में मैंने एक पत्र लिखा और उसे दिग्विजय सिंह की जेब में रख दिया।   देवेन्द्र यादव ने दिग्विजय सिंह को लिखे पत्र में कहा कि आपने बीजेपी के खिलाफ आंदोलन की जानकारी देते हुए कहा था कि पहले लोकसभा, विधानसभा और वार्ड जीतो। मैं बताना चाहता हूं कि आप के उम्मीदवार अक्षय बम जो 3 महीने पहले सक्रिय थे, अब बीजेपी में हैं। राजा मंधवानी, पार्षद अर्चना राठौड़ भी भाजपा में शामिल हुए लेकिन मैं भाजपा के खिलाफ लगातार आंदोलन करता रहा हूं और आगे भी करता रहूंगा।  दरअसल दशहरे पर इंदौर में दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की। इसी दौरान देवेन्द्र यादव भी उनसे मिलने पहुंचे।...