लॉकडाउन के दौरान नकली गुटखा पान मसाला बनाकर 10 गुना कीमत पर बेचा
इंदौर - लॉकडाउन के बीच भी गुटखा-पान मसाले की तस्करी का बड़ा मामला इंदौर में पकड़ा गया है। डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआइ) ने छापामार कार्रवाई करते हुए तस्करों को माल के साथ दबोच लिया। पालदा स्थित गोदाम से गुटखा-पान मसाला से लदा ट्रक और चार गाड़ियां पकड़ीं। जांच के दौरान पांच और गोदामों का भी पता चला। इंदौर में ही नकली गुटखा बनाकर बाहरी राज्यों में भेजने के सबूत जांच दल के हाथ लगे हैं। सियागंज में दुकान चलाने वाले पिता-पुत्र गुटखा तस्करी के इस गोरखधंधे को चला रहे थे। इनके ठिकानों से बोरों में भरकर रखी गई नकदी भी बरामद की गई है। नकदी का आंकड़ा तीन करोड़ से ज्यादा बताया जा रहा है। आशंका है लॉकडाउन के दौरान गुटखा तस्करी यह पैसा बनाया गया था। डीआरआई की इंदौर जोनल यूनिट ने शनिवार को कार्रवाई को अंजाम दिया। सुबह से शुरू हुई कार्रवाई शाम तक जारी थी। गुटखे से भरी गाड़ियों के साथ पालदा क्षेत्र से संजय माटा नामक व्यक्ति को पकड़ा। संजय की निशानदेही पर माणिकबाग रोड खातीवाला टैंक की मल्टी से उसके पिता गुरनोमल माटा और बड़े भाई संदीप माटा को पकड़ा। तीनों की सियागंज में हरिओम ट्रेडर्स नाम से दुकान है। छोटी दुकान की आड़ में पिता-पुत्र नकली गुटखा बनाने व तस्करी करने का बड़ा रैकेट चला रहे थे। लॉकडाउन के दौरान नकली गुटखा पान मसाला बनाकर 10 गुना कीमत पर बेचा। महाराष्ट्र व अन्य राज्यों में भी माल भेज रहे थे, जबकि महाराष्ट्र में गुटखा प्रतिबंधित है।
जानकारी के अनुसार माटा परिवार के पलसीकर कॉलोनी स्थित सुखधाम पैलेस निवास पर हुई कार्रवाई में अधिकारियों को करीब डेढ़ करोड़ रुपए कैश मिले हैं। यह ब्लैक मनी है कि नहीं, इसकी जांच हो रही है। वहीं कारोबारी के जूनी इंदौर स्थित हरिओम ट्रेडर्स व क्रिश इंटरप्राइजेज संस्थान के साथ ही पालदा, छावनी स्थित गोदामों पर भी टीम पहुंची है और इसमें बड़ी मात्रा में पान-मसाला के बड़े ब्रांड के नकली पाउच मिले हैं। जांच अधिकारियों को कई और जगह पर भी ठिकाने होने की जानकारी मिली है, जहां पर टीम लगातार पहुंच रही है। यह कारवाई दो दिन और चलने की संभावना जताई जा रही है, जिसमें करोड़ों की टैक्स चोरी की आशंका जताई जा रही है। क्योंकि गुटखे पर सैस व जीएसटी की हाई टैक्स दर लगती है, इसलिए इसके नकली पाउच बनाकर बेचा जा रहा था। यहां से बनाकर इसे मप्र के साथ ही महाराष्ट्र, गुजरात व अन्य जगहों पर भी भेजा जा रहा था। कोरोना संक्रमण के दौरान लॉकडाउन में गुटखा प्रतिबंधित होने के चलते यह बडे ब्रांड दो से तीन गुनी कीमत में चोरी छिपे बिक रहे थे, इसका लाभ लेते हुए कारोबारी कई राज्यों में विविध परिवहन माध्यमों से छिपकर इसकी सप्लाय कर रहे थे।
2015 में भी पड़ चुका है छापा
सेंट्रल एक्साइज की प्रिवेंटिव विंग ने गुरुनोमल माटा और इनके बेटे संजय व संदीप के यहां जुलाई 2015 में भी छापा मारा था और तब भी इनके हरिओम ट्रेडर्स, पालदा, छावनी गोदामों में भारी मात्रा में नकली गुटखा मिलने के साथ ही, गुटखा बनाने का मिक्सर, कच्चा माल और पैकिंग मशीन मिली थी। खुद को पान-मसाला और सुपारी का कारोबारी बताते हैं, जबकि खुद का बनाया नकली गुटखा, सुपारी, पान मसाला बाजार में सप्लाई कर रहे थे। उन्होंने फैक्टरी और मशीनों के लिए जरूरी रजिस्ट्रेशन भी नहीं करवाया था।
नागरिकता को लेकर भी है शंका
बीते छापे के दौरान सेंट्रल एक्साइज के पास इनकी भारतीय नागरिकता संबंधी किसी तरह के दस्तावेज नहीं पाए जाते थे और बताया जाता है कि गुरूनोमल पाकिस्तान से आए हैं।
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