रतलाम - आलीराजपुर-धार योजना का काम बड़ोदरा मंडल के अधीन है, लेकिन इससे रतलाम मंडल जुड़ा होने से योजना अहम मानी जा रही थी, जबकि महू-सनावद तक रेललाइन का काम अंतिम चरण में है। इसके बाद भी इन योजनाओं को बंद करने की तैयारी की जा रही है। इन दोनों योजनाओं को बंद करने संबंधित आदेश गत सप्ताह आने के बाद प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारी फर्म से लिखित मंजूरी लेने में जुटे हुए हैं। बताया जा रहा है कि टेंडर संबंधी पेचीदगियों के चलते फर्म भी आसानी से काम को छोड़ने को तैयार नहीं है। ठेका लेने वाली फर्म को आर्थिक नुकसान होता है तो मुआवजे के लिए मामला कोर्ट तक जा सकता है। इससे पहले इंदौर-दाहोद रेल योजना का काम भी बंद कर दिया गया है।
उज्जैन-फतेहाबाद व उज्जैन-कड़छा का काम जारी
रेल मंडल में उज्जैन-फतेहाबाद ब्रॉडगेज व उज्जैन-कड़छा दोहरीकरण का काम जारी रहेगा। फतेहाबाद रेलमार्ग के लिए 22 किमी तक ब्रॉडगेज लाइन का काम हो गया है। अब कम मजदूरों में भी यह काम चल रहा है। सितंबर तक काम पूरा होने की संभावना है।
योजना जारी रखने का राजनीतिक दबाव
मप्र में रेलवे की दो बड़ी योजनाओं को बंद करने के काम जारी रखने पर राजनीतिक दबाव भी शुरू हो गया है। रेलवे मामलों के वरिष्ठ जानकार और यात्री सुविधा संघर्ष समिति के पूर्व सदस्य नागेश नामजोशी ने कहा कि महू-सनावद और आलीराजपुर- धार योजना का काम जारी रखने के लिए लोकसभा पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने रेलमंत्री से बात की है। इनके बंद होने से मध्यप्रदेश का क्षेत्र रेल विकास के लिहाज से पिछड़ जाएगी।
रेल मंडल की परियोजनाओं का काम सीधे निर्माण विभाग और मुंबई मुख्यालय से जुड़ा रहता है। फिलहाल उज्जैन-फतेहाबाद ब्रॉडगेज का काम जारी है।
- जेके जयंत, जनसंपर्क अधिकारी रेल मंडल, रतलाम
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