( हरदा कलेक्टर ने जिले के किसानों को नई फसल के लिए नवाचार को दिया बढ़ावा ज्यादा बारिश होने पर सोयाबीन फसल अक्सर खराब हो जाती थी। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान होता था। इसे देखते हुए सरकार ने इस बार राम तिल्ली के रूप में नवाचार शुरू किया है। जिसमे अनुदान भी मिल रहा है )
हरदा - हरदा जिले के किसान अब नई फसल की और भी जिले की भौगोलिक परिस्थितिय एव माटी अनुकूल होने के कारण जिले के इतिहास में पहली बार 750 एकड़ रकबे में राम तिल्ली (तिल) की बाेवनी की जाएगी। यह नवाचार कृषि विभाग द्वारा आत्मा परियोजना के अंतर्गत किया जा रहा है। इसमें 75% अनुदान पर किसान को बीज दिया जा रहा है। आने वाले समय में शासन की मंशा है कि राम तिल्ली को सोयाबीन का विकल्प बनाया जाए। जिले में तिल्ली का रकबा करीब 750 एकड़ पहुंच जाएगा। अभी तक कृषि बहुल हरदा जिले में तिल्ली की बोवनी नहीं होती थी। ज्यादा बारिश होने पर सोयाबीन फसल अक्सर खराब हो जाती थी। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान होता था। इसे देखते हुए सरकार ने इस बार राम तिल्ली के रूप में नवाचार शुरू किया है।
एक एकड़ में केवल 48 ₹ के बीज से 15 हजार का लाभ !
1 एकड़ रकबे में बोनी के लिए 2 किलो तिल्ली लगती है। प्रति एकड़ उत्पादन करीब 3 क्विंटल तक होगा। बाजार में यह 5 से 6 हजार रुपए क्विंटल बिकती है। यह फसल 90 से 100 दिन में तैयार हो जाती है। सहायक संचालक कृषि कपिल बेड़ा बताते हैं कि जिले की दोमट मिट्टी यहां की जलवायु और मौसम की अनुकूलता तिल्ली की उपज के लिए बेहतर है। आने वाले समय में तिल्ली सोयाबीन का विकल्प बनेगी। अनुदान पर वितरण करने के कारण किसान को दाे किलो बीज के एवज में केवल 48 रुपए ही देने होंगे। कलेक्टर अनुराग वर्मा ने किसानों से कहा कि समय के साथ खेती का ट्रेंड बदल रहा है। ऐसे में उन्हें परंपरागत खेती से हटकर नए प्रयोग भी करना चाहिए।
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