हरदा - कृषि मंत्री कमल पटेल के गृह जिले हरदा की सेवा सहकारी समिति चौकड़ी, शाखा खिरकिया में समर्थन मूल्य पर चना खरीद में धांधली सामने आई है। समिति ने 33 हजार 339 क्विंटल चना खरीदा जाना बताया पर यह अधिकतम 29 हजार 400 क्विंटल के आसपास प्रमाणित हो रहा है। संस्था ने दो हजार 804 क्विंटल चना के बिल गलत बनाए और फिर उन्हें निरस्त करने के लिए सूची भी दे दी। सहकारिता विभाग की प्रारंभिक जांच में गड़बड़ी प्रमाणित होने पर संस्था प्रबंधक दिनेश बघेल को बर्खास्त कर दिया है। साथ ही संस्था के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आवेदन पुलिस थाने में दिया गया है। सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हरदा कलेक्टर ने जो रिपोर्ट भेजी है, उसमें चना खरीद में संस्था द्वारा गड़बड़ी किया जाना प्रमाणित हो रहा है। यह वही संस्था है जिसमें पिछले साल भी गड़बड़ी हुई थी और किसानों का 41 लाख रुपये का भुगतान अटक गया था।
कृषि मंत्री कमल पटेल ने खाद्य, नागरिक आपूर्ति, सहकारिता और कृषि विभाग के तीन अधिकारियों की समिति बनाकर जांच कराकर किसानों को भुगतान कराया है। बताया जा रहा है कि समिति को खरीद केंद्र नहीं बनाए जाने की सिफारिश हुई थी, लेकिन इस साल फिर कलेक्टर ने इसे खरीद का काम सौंप दिया। सूत्रों का कहना है कि प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक, पोर्टल के हिसाब से समिति ने 853 किसानों से 33 हजार 339 क्विंटल चना खरीदा। जबकि, वास्तव में यह खरीद 29 हजार 244 से 29 हजार 400 क्विंटल के बीच है। 27 हजार क्विंटल चना बेचने वाले किसानों का सत्यापन हो चुका है, बाकी मात्रा का भी सत्यापन कराया जा रहा है। कलेक्टर ने आशंका जताई है कि खरीद में गड़बड़ी का अंतर बढ़ सकता है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सहकारिता विभाग ने चार अ;घिळर्-ऊि्झ।कारियों सतीश सिटोक, ललित सकरवार, अनिल शर्मा और घनश्याम सोलंकी की समिति बनाकर जांच कराई। इसमें गड़बड़ी की पुष्टि होने पर संस्था प्रबंधक दिनेश बघेल को सेवा से बर्खास्त कर दिया है और आपराधिक प्रकरण भी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया है।
पांच ट्रक चना अमानक निकला, भंडार गृह ने लौटाया
जांच में पता चला है कि संस्था ने 33 हजार 339 क्विंटल चना खरीदना उपार्जन पोर्टल में दर्शाया। इसमें से 28 हजार 944.14 क्विंटल का परिवहन बताया। पांच ट्रक चना अमानक होने की वजह से भंडार गृह से लौटा दिया था। नागरिक आपूर्ति निगम ने 26 हजार 124 क्विंटल चना स्वीकृति पत्रक जारी किए हैं। वहीं, संस्था के पास तीन सौ से पांच सौ टन चना भौतिक रूप से मिला। इस प्रकार कुल खरीद 33 हजार 339 क्विंटल न होकर 29 हजार 244 से 29 हजार 400 क्विंटल के बीच होना प्रतीत हुई। समिति ने संस्था के दस्तावेजों का परीक्षण करने के बाद पाया कि 27 हजार क्विंटल चना किसानों ने बेचा है। संस्था प्रबंधक ने दो हजार 804 क्विंटल चना के गलत बिल बन जाने की बात करते हुए उसे निरस्त करने के लिए सूची भी जांचकर्ताओं को दी। जांच दल ने माना कि संस्था द्वारा गलत बिल भुगतान के लिए प्रस्तुत करना और फिर उसे निरस्त करने की सूची देना यह बताता है कि गबन की मंशा से बिल बनाए गए थे।
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