भोपाल - सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) ने देश में कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण ठप कारोबार को देखते हुए पिछले वित्त वर्ष 2019-20 का रिटर्न एवं टैक्स भरने के लिए 31 मार्च 2021 तक की मोहलत दे दी है। आयकर विभाग के इतिहास में संभवतः पहली बार ऐसा निर्णय हुआ है। विभाग को फिलहाल जुर्माना, वसूली और डिमांड नोटिस जैसी सख्त कार्रवाई न करने को कहा गया है। सीबीडीटी ने कोरोना महामारी के कारण पिछले वित्त वर्ष का टैक्स वसूली, रिटर्न जमा करने और विभागीय स्तर पर समयबद्ध असेसमेंट के लिए यह अवधि 31 मार्च 2020 से तीन महीने आगे बढ़ा दी थी। इस बीच कोरोना संकट लगातार बढ़ता ही गया, इसलिए यह तारीख अगले साल के वित्तीय वर्ष समापन तक बढ़ा दी है। इस निर्णय से देशभर के करदाताओं को राहत मिलेगी। इस तरह दोनों वित्त वर्ष का लेखा-जोखा और टैक्स अदायगी एक साथ की जा सकेगी। साथ ही पिछले वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान आयकर में छूट का लाभ लेने के लिए जो करदाता निवेश नहीं कर पाए थे उन्हें भी 31 मार्च 2021 तक का समय और मिल जाएगा।
देश में वर्ष 1961 से लागू हुए आयकर अधिनियम के बाद यह पहला अवसर है जब विभाग ने करदाताओं को टैक्स और रिटर्न आदि जमा करने के लिए पूरे एक साल की अवधि बढ़ाई है। छह दशक के दौरान युद्ध, बाढ़ अथवा भूकंप की विभीषिका जैसी आपदाओं के कारण ऐसे मौके कई बार आए जब विभाग संबंधित राज्यों में कुछ महीनों की मोहलत बढ़ा चुका है।इस बार देश की परिस्थितियां बिल्कुल अलग हैं, इसलिए आयकर रिटर्न एवं रिवाइज्ड टैक्स रिटर्न 2019-20, टैक्स ऑडिट वर्ष 2020-21 के लिए चरणबद्ध तरीके से अवधि बढ़ाई गई है। वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान कर में छूट पाने के लिए निवेश धारा 80 सी, एलआईसी, पीपीएफ, 80 जी दान, 80 डी मेडिक्लेम एवं आवास में निवेश 31 मार्च 2021 तक मान्य होगा। करदाताओं को टैक्स से छूट पाने के लिए अगले नौ माह का समय और मिल जाएगा।
- कोरोना संक्रमण में करदाताओं की सुविधा देखते हुए सीबीडीटी ने पहली बार यह राहत दी है। इस संबंध में नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है।
- एके चौहान, प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त मप्र-छग
Comments
Post a Comment