कन्नौद - स्थानीय नगर में गुरुवार की शाम करीब 5:00 बजे साईं मंदिर चौराहे पर सैकड़ों किसान लोगों ने कृषि मंत्री श्री कमल पटेल को रोक कर पीला सोना बनाम सोयाबीन के पौधे दिखाते हुए कहा कि समूचे क्षेत्र में पीला सोना पूरी तरह से प्रकृति की मार से मर चुका है किसान महंगे बीज महंगा खाद डालकर जैसे तैसे अपने खेतों में सोयाबीन बोया था प्रारंभिक तौर से लगभग 95% फसल शानदार ग्रोथ के साथ बढ़ रही थी पौधों में फूल और फल भी बहुत अच्छे थे किंतु देखते ही देखते मात्र 1 दिन में हरी-भरी सोयाबीन की फसल खेतों में पीली पढ़कर जमीन पर गिर पड़ी मानव कोई तूफानी हवा ने सारे खेत में हरी पीली चादर बिछा दी हो जब यह हालत किसान अपने खेत में जाकर देखी तो बुरी तरीके से पस्त होकर खेत में ही बैठ गया अपने भविष्य को लेकर अब क्या होगा कैसे घर चलेगा कैसे पूरा साल सुकून भरा अन्न हमारे बच्चों को भरपेट मिल सकेगा इसी चिंता के साथ कर्ज करके जो फसल बोई थी अपने ही सामने नष्ट होती देख सरकार की तरफ देखने लगा हरगांव से किसानों का टूल प्रशासन के आला अधिकारियों की चौखट पर जमा होकर सरकार से मदद की गुहार करने लगा इसी बीच समाचार मिला कि प्रदेश के कृषि मंत्री तथा पास ही विधानसभा हरदा के विधायक जिनका खातेगांव विधानसभा क्षेत्र में लगभग हर गांव में गहरा संबंध है उनके आने की खबर से किसानों ने अपने नष्ट हुई फसल को लाकर श्री पटेल के समक्ष रखी श्री पटेल ने साईं मंदिर चौराहे पर मात्र 2 मिनट में उपस्थित किसानों को यह आश्वासन दीया की हर किसान को उचित मुआवजा सरकार की ओर से दिया जाएगा हमारे सरकारी कर्मचारी अधिकारी आप के खेतों पर जाकर आप की फसल का मौका मुआयना कर नुकसानी का चिठ्ठा तैयार करेंगे और प्रदेश शासन को भेजेंगे इस तरह से आश्वासन देकर सतवास होते हुए खंडवा क्षेत्र में भी सोयाबीन नुकसानी का जायजा लेने के लिए अधिकारी और शुभचिंतकों के काफिले के साथ चले गए
वास्तविकता से परे आज एक भी किसान का उसकी फसल का बीमा नहीं हुआ है जबकि सरकार के नुमाइंदे यह कह रहे हैं यह अपनी फसल का बीमा करवाइए इसके बावजूद एक बात तो सामने आ गई कि सरकार ने अभी यह तय नहीं किया कि किसानों के फसल का बीमा कौन सी कंपनी करेगी और बीमा करने के क्या नियम होंगे इस तरह की बहुत सी बातें अज्ञात में है तो फिर बीमा कंपनी से किसान को भविष्य में कोई लाभ मिलेगा यह उम्मीद करना एक सपने के समान ही है बीमा कंपनी फसल बोने के पहले किसान की फसल का बीमा करता है उसकी प्रीमियम जमा की जाती है कई औपचारिकताओं के बाद बीमा कंपनी बीमे की जवाबदारी लेती है जोकि ना तो प्रदेश शासन ने ना ही जिला प्रशासन ने और किसानों ने इन खानापूर्ति करने की जरूरत समझी तो फिर कौन बीमा कंपनी प्रकृति से नष्ट हुई फसल का बीमा करके बर्बादी की ओर अपना कदम रखेगी यह विचार करने की बात है कहीं ऐसा तो नहीं कि सरकार अपनी कमजोरी को छुपाने के लिए किसानों के साथ फिर एक साथ छलावा करने पर उतारू हो।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार सुबह 11:00 बजे खातेगांव क्षेत्र के विधायक के आग्रह पर आ रहे हैं उनके आने का मकसद भी नष्ट हुए सोयाबीन को लेकर है क्षेत्र के किसानों की इस तबाही को मुख्यमंत्री के आने के बाद क्या आशीर्वाद मिलता है यह सब ग्रुप में छुपा हुआ है पर यह निश्चित है केसरी चौहान का दौरा भी क्षेत्र के लिए दोहरा छलावा ही साबित होगा फिर एक बार श्री चौहान लच्छेदार बातों के साथ किसान और क्षेत्र की जनता को उनकी मांगों के प्रति आश्वासन और अनेक घोषणाओं के साथ श्रीजी चरण करके लोगों को आस का दीपक जलाकर चले जाएंगे
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