जगमोहन वर्मा की भाजपा में हुई वापसी
इंदौर - मध्य प्रदेश में उपचुनाव से पहले अनुसूचित जनजाति के राष्ट्रीय स्तर के नेता जगमोहन वर्मा ने पार्टी में वापसी कर ली है. बता दें कि रविवार को भाजपा विधायक रमेश मंदोला और आकाश विजयवर्गीय के वर्मा के घर पहुंचे थे, जहां लाख समझाने के बाद वर्मा ने अपना फैसला बदला है.
वर्मा के जाने से पार्टी को सता रहा था डर
दरअसल सांवेर उपचुनाव से पहले वर्मा ने भाजपा एक बड़ा झटका दिया था.जगमोहन ने पार्टी से इस्तीफा देकर शिवसेना का दामन थाम लिया था. जिसके बाद भाजपा को डर था कि ग्रामीणों में अच्छी पकड़ रखने वाले वर्मा बड़ी उलटफेर कर सकते हैं, जिसका सीधा असर तुलसी सिलावट की दावेदारी पर पड़ सकता था. पहले जब तुलसी सिलावट कांग्रेस से लड़ते थे तो उन्हें हराने और भाजपा को जीत दिलाने में वर्मा की अहम भूमिका हुआ करती थी.यही कारण है कि पार्टी ने वर्मा को समझाकर पार्टी में वापस लाने की जिम्मेदारी भाजपा विधायक रमेश मंदोला और आकाश विजयवर्गीय को सौंपी. हालांकि इससे पहले भी कई भाजपा नेताओं ने वर्मा को वापसी करने के लिए समझाया था, लेकिन वर्मा पर इसका कोई असर नहीं हुआ था.
बता दें कि जगमोहन वर्मा 40 सालों से भाजपा अनुसूचित जनजाति का बड़ा चेहरा बनके सामने आए हैं. वह सालों से मजदूरों के हक की लड़ाई लड़ते आ रहे हैं. उनका भाजपा को छोड़ने का कारण भी मजदूरों के लिए एक व्यवस्था बंद होना था. वह उन्हें उनका हक दिलाना चाहते थे इसलिए वर्मा ने शिवसेना का हाथ थामा था.
रमेश मंदोला ने दिलाया आश्वासन
वहीं रमेश मंदोला ने उनकी वापसी कराते हुए उन्हें विश्वास दिलाया है कि मजदूरों की समस्या को लेकर जल्द ही कोई निराकरण कर दिया जाएगा. साथ ही मंदोला का कहना है कि वर्मा एक ऐसे नेता हैं जिन्होंने भाजपा के लिए संघर्ष किया है. उनके मार्गदर्शन से कई कार्यकर्ता विधायक बने हैं.
वर्मा ने भाजपा को बताया मां
जगमोहन वर्मा ने भाजपा में वापसी के बाद कहा कि भाजपा उनके लिए मां समान है और बच्चा अपनी मां से रूठ सकता है. जब परिवार के लोग कह रहे हैं कि आपकी बात मानी जाएगी तो मां को छोड़ने का सवाल ही नहीं होता.
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