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मध्‍य प्रदेश में 62 साल में सेवानिवृत्त होंगे हाथकरघा निगम के कर्मचारी

 



भोपाल (ब्यूरो) - मध्यप्रदेश के संत रविदास हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम के अधिकारी-कर्मचारी भी अब सरकार के अन्य कर्मचारियों की तरह 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होंगे। अभी यह आयु 60 वर्ष निर्धारित है। कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री गोपाल भार्गव ने निगम के प्रस्ताव को परीक्षण के बाद मंजूरी दी है।

अंतिम परीक्षण के लिए वित्‍त व‍िभाग को भेजा जाएगा प्रस्‍ताव

जानकारी के अनुसार अब यह वित्त विभाग को अंतिम परीक्षण के लिए भेजा जाएगा। सरकार ने तय किया था कि सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने का फैसला निगम अपने स्तर से लेगा क्योंकि व्ययभार उसे ही उठाना है।

वर्तमान में स्वीकृत तीन सौ पद की जगह 231 काम कर रहे

सूत्रों से इस बारे में म‍िली जानकारी के मुताबिक निगम में वर्तमान में स्वीकृत तीन सौ पद की जगह 231 काम कर रहे हैं। 31 दिसंबर 2020 को यह संख्या घटकर 228 रह जाएगाी। सेवानिवृत्त होे पर अधिकारियों-कर्मचारियों को एकमुश्त राशि देनी होती है। निगम में व्यवसायिक पूंजी कम हो रही है और शासन से स्थापना अनुदान भी पूरा नहीं मिल रहा है।

विभागीय अधिकारियों का यह है कहना

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष करने पर जुलाई 2020 के वेतन के आधार पर वेतन प्रतिमाह वित्तीय भार प्रतिनियुक्ति के अधिकारियों-कमचारियों को छोड़कर 91.18 लाख रुपये आएगा। निगम का पिछले चार साल का लेखा-जोखा देखा जाए तो यह लगभग तीन करोड़ रुपये के लाभ की स्थिति में हैं।

कार्य और मौजूदा वित्तीय स्थिति को देखते हुए सेवानिवृत्ति की आयु 60 से बढ़ाकर 62 करने का प्रस्ताव

नई भर्ती पर रोक लगी हुई है। निगम के संचालक मंडल ने निगम के कार्य और मौजूदा वित्तीय स्थिति को देखते हुए सेवानिवृत्ति की आयु 60 से बढ़ाकर 62 करने का प्रस्ताव दिया था, जिसे विभागीय मंत्री ने गुरुवार को मंजूरी दे दी। अब इसे वित्त विभाग भेजा जाएगा, जहां अंतिम निर्णय होगा।

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