बुरहानपुर (निप्र) - बुरहानपुर भी अब आत्मनिर्भर बनेगा. मध्य प्रदेश की इस पावरलूम सिटी को विकास के मामले में आत्मनिर्भर बनाने का प्लान है.आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के बाद अब कपड़े, इतिहास और मिठाई के लिए प्रसिद्ध बुरहानपुर शहर को भी आत्म निर्भर बनाया जाएगा. जिन चीजों के लिए ये शहर प्रसिद्ध है, उनकी ब्रांडिग कर स्थानीय लोगों को रोज़गार और बुनकरों को बाज़ार उपलब्ध कराया जाएगा. आत्मनिर्भर मप्र की तर्ज पर आत्म निर्भर बुरहानपुर 2023 की तैयारी शुरू हो गई है.
मावा-मिठाई और बुनकर
बुरहानपुर ज़िला अपनी मिठाइयों के लिए प्रसिद्ध रहा है. यहां की बेमिसाल मिठाइयां, उनकी पैकिंग और स्वाद सबसे हटकर है. परंपरागत मिठाइयों से अलग अपने इनोवेटिव प्रयोग के लिए ये शहर जाना-जाता है. आज के मार्केटिंग और ब्रांडिंग युग से बहुत पहले यहां ऐसी मिठाइयां बनायी जाती थीं जो किसी बड़े शहरों में भी नहीं बनती थीं.उनका आकार-प्रकार और स्वाद लाजवाब होता है. यहां की मावा जलेबी, रूमाली रोटी और पावरलूम से बनने वाले कपडे की ब्रांडिंग करने की तैयारी की जा रही है.
आत्मनिर्भर बुरहानपुर 2023
आत्म निर्भर बुरहानपुर 2023 के लिए जिला प्रशासन ने तैयारी तेज कर दी हैं. सभी विभागों से इस कार्यक्रम के लिए रोड मैप मांगा गया है. अपनी विशेषता और स्वाद से बुरहानपुर की देश प्रदेश में पहचान बना चुकी मावा जलेबी, रूमाली रोटी और यहां पावरलूम पर बनने वाले कपडे की ब्रांडिंग की तैयारी की जा रही है.
पावरलूम सिटी
मप्र में सबसे अधिक पावरलूम बुरहानपुर में हैं. यहां करीब एक लाख बुनकर आज भी पावरलूम पर कपड़ा तैयार करके अपनी रोजी रोटी कमाते हैं. आधुनिक सुविधाएं और सहयोग नहीं मिलने के कारण ये उद्योग यहां धीरे-धीरे पिछड़ता चला गया. बुनकरों की मांग है कि सरकार कपड़ा तैयार करने, आधुनिक पावरलूम लगाने और तैयार कपडे को देश विदेश के बाजार में पहुंचाने के लिए प्लेटफॉर्म मुहैया कराए.
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