रात का फायदा उठाकर नाकेदार के घर से सागवान के फर्नीचर लकड़ियों को रफा-दफा करने की प्रबल आशंका
देवास (पं रघुनंदन समाधिया) - वन परिक्षेत्र पानीगांव के अंतर्गत सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वन विभाग के बिजवाड़ केंपस में नाकेदार इंदरसिंह रावत के मकान में सागवान की लकड़ी का जखीरा होने की सूचना अजय यादव मुख्य वन संरक्षक उज्जैन को दी गई जिस तारतम्य में देवास जिला वन मंडल अधिकारी प्रेमनारायण मिश्रा के द्वारा वन विभाग के एसडीओ संतोष शुक्ला को शासन हित में कार्यवाही करने की जवाबदारी दी गई। जिसके बाद में संतोष शुक्ला के द्वारा वन परिक्षेत्र पानीगांव रेंजर देवेंद्र सिंह चौहान को प्रभावी कार्यवाही के लिए सूचना दी गई लेकिन रेंजर के द्वारा लापरवाही बरती गई और नाकेदार को ही पूरे मामले की जानकारी देकर घर पर ताला लगा कर नाकेदादार मोबाइल बंद करके गायब हो गया। इस मामले को शासन हित में संज्ञान में लेकर नाकेदार इंदर सिंह रावत एवं पानीगांव रेंजर देवेंद्र सिंह चौहान की मोबाइल की कॉल डिटेल निकालकर जांच की जाना चाहिए। एसडीओ संतोष शुक्ला को मामले में कार्रवाई नहीं करने को लेकर अवगत कराया गया ओर वन विभाग की नाक नहीं कटे इस कारण मामले को दबाने की बात की जा रही थी। इस मामले को लेकर जिला वन मंडल अधिकारी प्रेम नारायण मिश्रा को अवगत कराना चाहा तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। रेंजर देवेंद्र सिंह चौहान को भी अवगत कराना चाहा तो वह भी मोबाइल फोन काटते रहे। एसडीओ संतोष शुक्ला ने करीब 2 घंटे के बाद जयनारायण धुर्वे डिप्टी रेंजर व श्रीमती उषा रावत डिप्टी रेंजर, वन विभाग के बाबू अवधराज मिश्रा,चौकीदार पवन बैरागी की मौजूदगी में नाकेदार इंदर सिंह रावत का घर को सील किया गया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वन विभाग की नाक नहीं कटे इस कारण वन विभाग के स्थानीय जिम्मेदारों के द्वारा कई घंटों तक नाटकीय ढंग से कार्रवाई नहीं करने को लेकर टाला जा रहा था। इस बात की भी प्रबल आशंका है कि रात का फायदा उठाकर सागवान की लकड़ी व फर्नीचर रफा दफा कर सबूत मिटाने की फिराक में काम चल रहा है या फिर किसी से लकड़ी के संबंध में बिल बनकर आने की बात सुगबुगाहट चल रही है।
कार्यवाही पर लग रहे सवालिया निशान, सोशल मिडिया पर उड़ रही वन विभाग की धज्जियाँ
गौरतलब रहे की शासन स्तर से देवेंद्र सिंह चौहान रेंजर का तबादला 4 दिसंबर को देवास हो गया है।जिला वन मंडल अधिकारी पीएन मिश्रा के द्वारा आज दिनांक तक प्रभारी चार्ज पानीगांव रेंजर देवेंद्र सिंह चौहान को रखा गया है। विगत दिनों छापामार कार्यवाही के दौरान रेंजर के द्वारा दिनांक 4 दिसंबर को ग्राम गुडवैल कार्यवाही के दौरान फर्नीचर सागवान की लकड़ी या व अन्य सामग्री जप्त की गई थी लाखों रुपए के लेनदेन कर मामला रफा-दफा कर दिया गया है सोशल मीडिया पर वन विभाग व शासन सत्ता की छवि बहुत दिनों तक धूमिल होती रही। वही जिला वन मंडल अधिकारी पी एन मिश्रा की कार्यप्रणाली को लेकर भी हमेशा सवाल उठते रहे हैं ।कन्नौद रेंजर जे डी उपाध्याय को राज्य शासन के द्वारा 4 दिसंबर को स्थानांतरण होने के कुछ घंटे बाद ही जिला वन मंडल अधिकारी पीएन मिश्रा के द्वारा रिलीव कर दिया कर गया था। पानीगांव के रेंजर डीएस चौहान का तबादला देवास हो गया है जिसके बावजूद अतिरिक्त चार्ज पर है देवास से बिजबाड़ की दूरी करीबन 80 किलोमीटर है।इस प्रकार उट पर बैठकर बकरियां चराई जा रही है इसका सीधा साधा उदाहरण देखने को मिल रहा है। क्या प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान माफियाओं के विरुद्ध अभियान चला रहे हैं क्या ऐसा ही अभियान सरकारी महकमे के विरुद्ध चलाकर जो शासन सत्ता की छवि धूमिल कर रहे हैं ऐसी गंदगी को बाहर करेंगे कि क्या सब ऐसा ही चलता रहेगा।
Comments
Post a Comment