सनावद (निप्र) - नगर से 10 किमी दूर सताजना गांव में बाहर से काम करने आए एक व्यक्ति ने अपने बेटे से खेलने के बहाने एक नाबालिग को बुलाकर अपहरण कर लिया। जिसे वहां से करीब 22 किमी दूर करियामाल अपनी बेटी के घर छुपा लिया। नाबालिग के अपहरण की सूचना पर पुलिस तलाश करते हुए गांव पहुंची। जहां से आरोपी मजदूर सहित बेटी को कब्जे में लिया गया। बेटी को मुक्त कराकर देर रात को मां को सौंपा गया। एडिशनल एसपी जितेंद्रसिंह पंवार ने बताया ग्राम सताजना की एक 8 वर्ष की नाबालिग शुक्रवार शाम 5.30 बजे नाबालिग अपनी उम्र के अन्य बच्चों के साथ नहर पर खेल रही थी। घर नहीं पहुंचने पर बालिका की मां गांव में उसे खोजती रही लेकिन वह नहीं मिली। ग्रामीणों ने डायल 100 को इसकी सूचना की। घटना की सूचना के बाद थाने के एक दल गांव में पहुंचा। वहां अन्य ग्रामीणों के साथ नहर व अन्य स्थानों पर खोजबीन शुरू की। पुलिस को प्रारंभिक पड़ताल में पता चला कि उसी गांव में 2 माह पहले काम करने वाला बुधिया जो करीब 10 माह से इस क्षेत्र में मजदूरी का काम करता है, जो खामखेड़ा के पास एक फलिए का मूल निवासी है। उसके साथ बालिका को देखा गया था। एसडीओपी मानसिंह ठाकुर व टीआई ललितसिंह डागुर ने बताया नहर के पास बालिका को खेलते देख आरोपी उसके लड़के को लेकर वहां आया। नाबालिग हो वहां से खेत पर जाने का बोल कर नहर के रास्ते बड़वाह ले गया। उसकी दो बेटियां बड़वाह करियामाल में रहती है। जहां सनावद पुलिस ने बड़वाह पुलिस को अलर्ट किया और एक टीम साथ एसआई नीरज लोधी को आरोपी की तलाश में करियामाल भेजा। जहां आरोपी को उसकी बेटी के घर से हिरासत में लिया। जहां नाबालिग और आरोपी का बेटा एक झोपड़ी में मिले। पुलिस ने बालिका को मुक्त कराया।
आरोपी ने कहा - खेलते हुए आ गई बालिका
पुलिस ने जब बड़वाह में आरोपी बुधिया से पूछताछ की तो उसने बताया वह मेरे बच्चे के साथ खेलते हुए आ गई थी। रात होने के कारण मेरे पास ही रख लिया था। उसे दो दिन बाद वापस गांव छोड़ देता। वह उसे कहां ले जा रहा था या कोई बड़ी घटना को अंजाम देने वाला था। इस संबंध में अभी तक पुलिस को कोई जानकारी नहीं लगी है। टीआई ने बताया पूछताछ में आरोपी ने कोई जानकारी नहीं दी गई है। उसे शनिवार को कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया है।
ढोल बजाकर किया बेटी व पुलिस का स्वागत
शुक्रवार रात करीब 12 बजे एडिशनल एसपी जितेंद्र सिंह पंवार, एसडीओपी मानसिंह ठाकुर और टीआई ललित सिंह डांगुर बालिका को लेकर गांव पहुंचे तो गांव में जश्न का माहौल था। ग्रामीणों ने ढोल बजाकर बालिका व पुलिस का स्वागत किया। इस दौरान करीब 200 से अधिक महिला पुरुष उपस्थित थे। बालिका जब अपनी मां से मिली तो मां की आंखों से आंसू झलक गए।
पुलिस के पास नहीं है बाहर से आने वालों की जानकारी
सनावद शहर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में बाहर से मजदूरी करने के लिए लोग आते हैं। जिनकी जानकारी न तो पुलिस के पास होती है न ही ग्रामीण उनका डाटा रखते हैं। इसका फायदा उठाकर मजदूर आसानी से वारदात को अंजाम देकर अपने क्षेत्र में लौट जाते हैं। जिससे पुलिस उन्हें खोजती रह जाती है। जिसके कारण शहर व ग्रामीण क्षेत्र में चोरी, लूट व अपहरण की बड़ी घटना हो जाती है। इस संबंध में पुलिस व ग्रामीणों को जानकारी एकत्र करना चाहिए ताकि वारदात के बाद उनका पता लगाया जा सके। शहर में कई स्थानों पर बाहर से काम करने वाले लोग किराए के मकान में निवास करते हैं। जिनसे अच्छा किराया मिलने के कारण बिना पहचान के ही उन्हें रहने दिया जाता है। जबकि बाहर से आने वाले लोगों से दस्तावेज एकत्र कर थाने पर जानकारी देना चाहिए। जिससे वारदात व बड़ी घटना होने पर पुलिस उसकी खोजबीन कर सके। बेड़िया स्थित सेल्दा थर्मल पावर प्लांट पर भी बड़ी संख्या में बाहर से मजदूर काम करने के लिए आते हैं। जो ठेकेदार के माध्यम से मजदूरी का काम करते हैं। उनकी भी जानकारी पुलिस नहीं रखती है।
शहर के आसपास ग्रामीण क्षेत्र में काम करने आए मजदूरों की जानकारी ग्रामीण उपलब्ध नहीं कराते हैं। जिससे खोजबीन का अभाव रहता है। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र में बाहर से आने वालों की जानकारी थाने पर दी जाए। संदिग्ध होने पर पुलिस को खबर की जाए ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।
- ललित सिंह डागूर, टीआई थाना सनावद
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