बड़वाह (निप्र) - नगर मे शासकीय हाॅस्पिटल मूलभूत सुविधाओं से अछूता रहा है। अब शासकीय हाॅस्पिटल मे पोस्टमार्डम रूप परिसर के अंदर लगे गमलों मे कुछ पौधे को हर्बल गार्डन नाम दे दिया गया था। यह अदभुत गमलों वाला हर्बल गार्डन पूरी बर्बाद हो गया है। हर्बल गार्डन के निर्माण पर कितनी राशि खर्च की गई यह तो भगवान ही मालिक है। वही शासन के द्वारा नागरिकों को मूलभूत सुविधा देने के लिए कदम उठाये जाते है और पैसा स्वीकृत हो जाता है। परन्तु कागजी खानापूर्ति और महज औपचारिकता के चलते पूरी तरह से शासन की राशी का दोहन किया जाता है। गमलों मे लगे पौधे, पानी की एक-एक बूंद की चाह मे तरस-तरस कर सुख कर दम तोड दिया। लेकिन हाॅस्पिटल के कर्मचारी एक बूंद पानी नही डाल सके। वही हाॅस्पिटल के जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी अपनी व्यस्तता का हवाला देकर इस ओर कोई ध्यान क्यों नही दिया जैसे सवालों को टाल जाते है । गमलों मे लगे लगभग अलग-अलग प्रजाति के पौधो को हर्बल गार्डन के नाम से विकसित किया गया था जो नगर मे गमलों वाला हर्बल गार्डन के नाम से चर्चा का विषय बना हुआ था। अब गमलों वाला हर्बल गार्डन की देखरेख ना करने से गमलों वाला हर्बल गार्डन सुखकर डीएम तोड़ चूका है। क्या अब सुखे गमलों वाले हर्बल गार्डन से मरीजों को औषधि प्राप्त होगी।
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