बलवाड़ा (राजेश यादव) - निकटवर्ति ग्राम बाडीखार में चल रही सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा महा उत्सव के 4 दिन व्यासपीठ से पंडित ने सुमीत कौशीक ने श्री कृष्ण जन्मोत्सव के मनोहारी प्रसंगों का वाचन किया जैसे ही श्री कृष्ण के जन्म की मंच से बधाई का गायन शुरू हुआ वेसे ही गाजे बाजे ढोल के साथ बाबा वासुदेव टोकरी में विराजित बालगोपाल को लेकर पांडाल में प्रवेश किया कान्हा की झलक के लिए उपस्थित श्रोताओ की भीड़ कान्हा की टोकरी के आस-पास लग गई कान्हा के चरण पकड़ने के लिए महिलाओं में होड मच गई नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की आलकी की पालकी जय कन्हैयालाल की जैसे जयघोष के साथ पांडाल गुंजायमान हो गया सुंदर भजनों की प्रस्तुति से पूरा पंडाल बधाइयां गाते हुए झूमने लगा फूलों की वर्षा कर शिशु कृष्ण वासुदेव की झांकी की आरती उतारी गई महिलाओं ने मंगल गीत गाए कार्यक्रम के दौरान माखन का भोग लगाकर प्रसाद वितरण किया गया पं कौशीक द्वारा महिमा का बखान करते हुए कहा कि भऊ सागर करने के लिए श्री हरि के चरण ही एकमात्र साधन है। हरी के चरण सभी को पार लगते हैं इसीलिए हमारी सस्कंती मे बडो के चरणस्पर्श की परमपरा है राम जन्म के साथ अन्य कथाओ पर भी विस्तार से बताया ।
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