देवास (पं रघुनंदन समाधिया) - कन्नौद के समीप इंदौर बैतूल नेशनल हाईवे मार्ग पर फिर से रेत से ओवरलोड डंपरों की आवा जाही पहले से 2 गुना संख्या में बढ़कर हो गई है। प्रति 10 मिनट में एक डंपर इस मार्ग से गुजरने लगे हैं इसी के साथ पिछले कुछ दिनों से ओवरलोड को लेकर जो कार्यवाही की गई थी और उससे कार्यवाही से डंपर मालिकों और पुलिस प्रशासन के मध्य समझौता हुआ था कि डंपर ओवरलोड नहीं चलेंगे वहीं जिला कलेक्टर ने खनिज विभाग को भी निर्देशित किया था कि कोई भी ओवरलोड डंपर सड़क पर नहीं दौडना चाहिए यह सब बात कुछ समय तक तो चलती रही लेकिन फिर से विगत 4 दिनों से भारी ओव्हरलोड के साथ बेलगाम डंपर सड़क पर दौडने लगे हैं। इन डंपरो के कारण ना सिर्फ धनतलाव घाट पर वरन आम सड़क पर भी जाम की स्थिति हमेशा बनने लगी है। घाट की चढ़ाई के समय यह वाहन ओवरलोड होने के कारण रिवर्स हो जाते हैं जिससे हर क्षंण इन वाहनों के पीछे चल रहे हैं वाहन को खतरा बना रहता है ।कई बार डंपर के रिवर्स होने से घाट पर दुर्घटनाएं हुई है ।इसी के साथ यह अंध गति से सड़कों पर दौड़ते हैं इनके चालक और परिचालक शराब के नशे में धूत रहते हैं हाल ही में गुरुवार शाम को घाट पर हुई घटना के बाद कन्नौद नगर पंचायत चौराहे पर स्थानीय पुलिस ने 2 जवान तैनात किए थे जब उन जवानों ने देर रात इन डंपरों को रोका तो नशे में धूत इन चालकों ने पुलिस जवान के ऊपर हावी होने लगे। अगर पुलिस जवान सतर्क नहीं होते तो निश्चित रूप से यहां पर दुर्घटना घटित होती यह किस्सा एक बार का नहीं कई बार इस प्रकार देखा गया है। इसके चलते चाहे स्टाफ का जवान मरे यह आम जनता मरे इनको कोई उससे लेना देना नहीं है । कुछ समय लोग चिल्ला चोट करेंगे इसके बाद मामला शांत हो जाएगा । इस बात को अंदाज करते इनकी आंखों के सामने से दौड़ते हुए डंपर देख सकते हैं।
इतना ही नहीं यह डंपर चालक पीछे आ रही इमरजेंसी एंबुलेंस को भी कई किलोमीटर तक साइड नहीं देते हैं इतना ही नहीं कई बार पुलिस अधिकारियों की गाड़ियों को भी इनसे साइड लेने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ती है कहीं उसके बाद साइड मिलती है पर चांदी के जूते के आगे यह बेशर्म अधिकारी लोग चुप्पी साधे बैठे हुए हैं जो सरेआम आम इंसान की मौत का सौदा करते हैं इतना ही नहीं भ्रष्टाचार की चरम सीमा चार कदम पर है। क्षेत्र के प्रमुख अखबार क्षेत्र में चल रहे प्रमुख समाचार पत्र मैं इन ओवरलोड डंपर की खबरें बहुत कम देखने को मिलेगी । इन सब बातों को देखते हुए आम गरीब मध्यमवर्ग के राहगीरों की मौत हो भी जाए तो इनको कोई फर्क नहीं पड़ता है फर्क तो तब पड़ेगा जब कोई राजनीतिक नेता अधिकारी इन बेलगाम डंपरओ के चपेट में आएगा तब इनको पता चलेगा। नेमावर क्षेत्र से दिन और रात बड़ी-बड़ी मशीनों के माध्यम से रेत का उत्खनन किया जाता है जबकि प्रदेश शासन के आदेश से रेत उत्खनन रात में नहीं की जाएगी लेकिन इन आदेशों की इस क्षेत्र में आप कभी भी धज्जियां उड़ते हुए देख सकते हैं दूसरा सबूत इस बात का जो डंपर ओवरलोड रेत से भरे हुए जाते हैं उसमें से पानी बहता हुआ सड़कों पर आपको दिख जाएगा की रेत तत्काल में नर्मदा से निकाली गई इन डंपरों मैं भरी गई है
आम लोगों को बेवकूफ बनाने का एक और तरीका आप समझिए जिला कलेक्टर ने देवास जिले के संदलपुर स्थित तिराहे पर चेक बैरियर तथा दूसरा बैरियर चापड़ा में निश्चित किया है जब इन वेरियर से यह डंपर पास होते हैं तो इसका मतलब यह है कि यह डंपर एक नंबर में भरा गया है जब कि इन डंपरो की रॉयल्टी की रसीद देखी जाए और उस रसीद में कितनी रेत भरी गई है उसका भी एक कालम रहता है जिसमें भरते समय रॉयल्टी में दर्शाए माप से दोगुना मात्रा में अधिक भरी हुई रहती है एक भी डंपर नियम के अनुसार सही मापदंड में आपको देखने को नहीं मिलेगा जब इनकी रायल्टी में लोड की गई रेत का मापदंड लिखा होता है तो फिर यह रेत क्या आसमान से भरा ग ई इन सब बिंदुओं पर क्षैत्र के प्रबुद्ध नागरिकों ने ध्यान देकर जिला कलेक्टर पुलिस विभाग और खनिज विभाग को संयुक्त रुप से सड़क पर एक साथ इकट्ठा कर जांच की जानी चाहिए अगर आमजन की बात यह सही है तो मौके पर जो अधिकारी आए हैं जांच के लिए सबसे पहले उनके खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए जिससे कि जो भ्रष्टाचारी मची है उस पर सही मायने में लगाम लग सके इसके लिए क्षेत्र के प्रबुद्ध नागरिक तथा विपक्ष में बै ठे राजनीतिक नेताओं से आगाज करता है कि क्षेत्र में हो रही दुर्घटनाओं को देखते हुए समय रहते सड़क पर उतर कर प्रशासन के आकांओं को शक्ति के साथ निष्पक्ष न्याय संगत कार्यवाही करने के लिए मजबूर कर करें।
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