भोपाल (ब्यूरो) - प्रदेश में 108 एंबुलेंस और जननी एक्सप्रेस की सुविधा के लिए अब ज्यादा देर इंतजार नहीं करना पड़ेगा। जरूरतमंदों को जल्दी वाहन मिल सके, इसके लिए प्रदेश में एंबुलेंस और जननी एक्सप्रेस वाहनों की संख्या बढ़ाई जा रही हैं। अभी 606 एंबुलेंस पूरे प्रदेश में चल रही हैं। सितंबर से 1002 एंबुलेंस चलेंगी। इसका फायदा यह होगा कि शहरी क्षेत्रों में अधिकतम 17 मिनट में और ग्रामीण क्षेत्रों में 27 मिनट में एंबुलेंस पहुंच जाएगी। देरी होने पर एंबुलेंस का संचालन करने वाली कंपनी पर जुर्माना लगाया जाएगा। अभी शहरी क्षेत्र में एंबुलेंस पहुंचने का अधिकतम समय 20 मिनट और ग्रामीण क्षेत्रों में 30 मिनट तय है। इसी तरह से प्रसूताओं को घर से अस्पताल और अस्पताल से घर पहुंचाने के लिए अभी 820 एंबुलेंस चल रही हैं। नई कंपनी आने के बाद इनकी संख्या 1050 हो जाएगी। नई कंपनी के चयन के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने टेंडर जारी कर दिया है। सितंबर के पहले कंपनी का चयन हो जाएगा। बता दें कि अभी जेएचएल कंपनी एंबुलेंस और जननी एक्सप्रेस का संचालन कर रही है। सितंबर में उसका पांच साल के लिए अनुबंध पूरा हो जाएगा। नई कंपनी को भी पांच साल के लिए काम दिया जाएगा।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अफसरों ने बताया कि एक लाख की आबादी पर बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) एंबुलेंस एक रहेगी। इसी तरह से पांच लाख की आबादी पर एक एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एंबुलेंस रहेगी। भोपाल में अभी 17 बीएलएस और एक एएलएस एंबुलेंस है। सितंबर के बाद से 20 बीएलएस और चार एएलएस एंबुलेंस हो जाएंगी। इनके अलावा भी सरकार लोगों की सुविधा के लिए कई प्रविधान करने जा रही है। नई कंपनी के आने के बाद सूचना तकनीक का उपयोग भी ज्यादा किया जाएगा, जिससे लोगों को आसानी से सुविधा मिल सके।
मोबाइल एप से भी बुला सकेंगे एंबुलेंस
एंबुलेंस बुलाने के लिए मोबाइल एप की सुविधा भी रहेगी। कैब बुक करने की तरह ही एंबुलेंस बुक कर सकेंगे। इसमें जरूरतमंद की मौजूदगी का स्थान भी पता चल जाएगा। फोन कॉल में भी एंबुलेंस बुलाने के लिए पता बताने की जरूरत नहीं होगी। मोबाइल में जीपीएस लोकेशन चालू होने पर 108 कॉल सेंटर में लोकेशन की जानकारी पहंुच जाएगी। इससे पता बताने में बेकार जाने वाले करीब एक मिनट बच जाएंगे। अभी पुलिस वाहन डायल-100 में यह सुविधा है।
देरी करने पर इतना लगेगा जुर्माना
सभी एंबुलेंस का औसत निकाला जाएगा कि मरीज तक एंबुलेंस तय अधिकतम सीमा से कितनी देर में पहुंची। देरी के औसत मिनट का आधा फीसद महीने के बिल से काट लिया जाएगा। मसलन एंबुलेंस में एक मिनट की औसत देरी हुई। एक माह का बिल 10 करोड़ है तो आधा फीसद यानी पांच लाख रुपये जुर्माना लगेगा।
एंबुलेंस के प्रकार
एएलएस एंबुलेंस - इसमें वेंटिलेटर समेत कई अत्याधुनिक सुविधाएं होती हैं। गंभीर मरीजों को अस्पताल पहुंचाने या दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने के लिए इसका उपयोग होता है।
बीएलएस एंबुलेंस - इसमें ऑक्सीजन सिलिंडर रहता है, पर वेंटिलेटर नहीं। कम गंभीर मरीजों के लिए इसका उपयोग होता है।
एंबुलेंस का संचालन करने के लिए नई कंपनी के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वाहन बढ़ाए जा रहे हैं। आइटी का उपयोग कर आम लोगों को आसानी से सुविधा उपलब्ध कराने की कोशिश करेंगे।
- डॉ. प्रभुराम चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री, मप्र
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