खंडवा (दीपक वर्मा) - शहर में 106 करोड़ रुपये की नर्मदा जल योजना पर 150 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। इसके बावजूद शहर में गर्मी के दिनों में आमजन को जलसंकट की स्थिति से गुजरना पड़ता है। जलसंकट की आहट को देखते हुए नगर निगम ने टैंकरों से पानी बांटने की तैयारी कर ली है। निजी टैंकर अनुबंधित करने के लिए नगर निगम ने निविदा आमंत्रित की है। गर्मी शुरू होते ही शहर के अधिकांश वार्डों में जलसंकट की समस्या भी बढ़ रही है। लालचौकी स्थित फिल्टर प्लांट पर पानी के टैंकरों की मांग लेकर लोग पहुंच रहे हैं। यहां से नगर निगम के चार टैंकरों द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में पानी पहुंचाया जाता है। गुरुवार को एक टैंकर के ट्रैक्टर में तकनीकी खराबी आने से जलप्रदाय व्यवस्था गड़बड़ा गई। सुबह से शाम तक ट्रैक्टर का सुधार कार्य चलता रहा। आगामी दिनों में जलसंकट बढ़ने पर आमजन के आक्रोश का सामना ना करना पड़े, इसलिए नगर निगम अब निजी स्तर पर भी टैंकर अनुबंधित करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए 6 अप्रैल तक निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। इसमें उल्लेख किया गया है कि पांच हजार और 12 हजार लीटर के ट्रैक्टर मय टैंकर और चालक के ईंधन सहित किराए पर लगाए जाएंगे। इनसे अटल सरोवर (नागचून), जसवाड़ी स्थित सुक्ता सहित शहर के विभिन्ना जलस्रोतों से पानी लेकर वार्डों में वितरित किया जाएगा। नगर निगम द्वारा 8 अप्रैल को टेंडर खोले जाएंगे।
अधिकांश वार्डों में जल वितरण व्यवस्था करीब 200 ट्यूबवेलों पर आश्रित
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि जलसंकट से निपटने के लिए नगर निगम को टैंकरों का सहारा लेना पड़ा हो। हर साल इस तरह की स्थिति शहर में बनती है, जबकि 106 करोड़ रुपये की लागत से नर्मदा जल योजना शहर में लाई गई है। इसके अलावा वार्डों में नर्मदा जल के वितरण के लिए डिस्ट्रीब्यूशन लाइन बिछाने और इंटर कनेक्टिंग सहित अन्य व्यवस्थाओं पर करीब 50 करोड़ रुपये अलग से खर्च हो चुके हैं। इसके बाद भी शहर के अधिकांश वार्डों में जल वितरण व्यवस्था करीब 200 ट्यूबवेलों पर आश्रित है। गर्मी शुरू होते ही ये ट्यूबवेल दम तोड़ रहे हैं।
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