मंडलेश्वर (निप्र) - महेश्वर जल विद्युत परियोजना को लेकर महत्वपूर्ण पेशी अहमदाबाद स्थित नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की इंदौर बेंच में हुई। 29वें क्रम पर लिस्टेड याचिका पर सुनवाई सुबह 11ः10 मिनट पर शुरू हुई जो अनवरत दोपहर 1ः15 तक चलती रही। ट्रिब्यूनल ने इंटरवेनर इंटीग्रा कंपनी, फारेन स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टर व पावर फाइनेंस कार्पोरेशन के वकीलों को विस्तार से सुना। ट्रिब्यूनल ने कहा कि इंटर विनर, इन्वेस्टर्स, लैंडर्स या प्रमोटर्स में से अभी तक कोई भी किसी समाधान के साथ कोर्ट में नहीं आया है। समाधान नहीं लाएंगे तो पैसा गटर में चला जाएगा। राज्य व इकोनामी के यह हित में होगा कि समाधान लाया जाए। ट्रिब्यूनल ने आगे कहा कि हाइडल पावर प्रोजेक्ट यदि समय सीमा में चालू ना हो तो स्क्रैप हो जाते हैं। आनलाइन सुनवाई के दौरान ट्रिब्यूनल की अनुमति मिलने के पश्चात सहायक प्रबंधक मुफज्जल हुसैन ने प्रोजेक्ट साइट की परिस्थितियों से ट्रिब्यूनल को अवगत कराया। हुसैन ने कहा कि वर्ष 2010 से तीन टरबाइन इंस्टाल होकर खड़े हैं। पिछले दो साल से प्रोजेक्ट का पावर कट होने से रात के समय चोरियां हो रही हैं। चोरों ने मशीन के तार व बहुमूल्य पार्ट्स काटकर उन्हें लगभग स्क्रैप ही कर दिया है। करोड़ों रुपयों के इन्वेस्टमेंट के बाद भी सभी पक्षों के हाथ में कंक्रीट के ढांचे के सिवा कुछ न आएगा। अंत में ट्रिब्यूनल ने याचिका पर अंतिम आदेश सुरक्षित रखते हुए सभी पक्षों को कहा है कि वह तीन से चार दिनों में ट्रिब्यूनल के समक्ष कोई सकारात्मक समाधान प्रस्तुत करें।
400 मेगावाट विद्युत उत्पादन की है क्षमता
किसी समय मध्यप्रदेश राज्य की यह 400 मेगावाट विद्युत उत्पादन की महत्वाकांक्षी परियोजना थी। वर्ष 1992 में तत्कालीन सरकार द्वारा पावर सेक्टर में प्राइवेट कंपनियों की भागीदारी बढ़ाने की नीति के तहत इंदौर (मालवा) के कपड़ा उत्पादन समूह एस कुमार्स को हस्तांतरित की गई थी। एस कुमार्स समूह द्वारा स्वयं की अंश पूंजी लाने में विफलता के बाद वर्ष 2005 में पावर फाइनेंस कारपोरेशन की अगुवाई में कार्य चला जो 2010 तक चलता रहा। इसके पश्चात प्रमोटर कंपनी मैसर्स इंटीग्रा लिमिटेड व पावर फाइनेंस कारपोरेशन के बीच कानूनी पेच उलझने से परियोजना गर्त में चली गई। पिछले 11 सालों से कानूनी लड़ाई में उलझी इस परियोजना में अब तक लगभग 2200 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है जो विद्युत उत्पादन के अभाव में औचित्यहीन हो रहा है।
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