कन्नौद (चक्र डेस्क) - आज कन्नौद ब्लाक में सर्वाधिक कोरोनावायरस पैसेन्ट मिले। आज का जो आंकड़ा आया है यह दरसा रहा है समूचा समूचा ब्लॉक कोरोनावायरस की चपेट में है शहर की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में यह महामारी अपना पैर जमा चुकी है शहर के आंकड़े तो शासन के पास पहुंच जाते हैं पर ग्रामीण क्षेत्र में कितने लोग मृत्यु को प्राप्त हुए इसकी कोई सूचना प्रशासन के पास नई जाती है जबकि देखा जाए तो प्रतिदिन ग्रामीण क्षेत्रों में औसतन 5 से 10 लोगों की मृत्यु हो रही है वहीं शहरी क्षेत्र को देखा जाए तो यहां पर भी प्रतिदिन 2 3 लोगों की मृत्यु के समाचार प्रतिदिन आ रहे हैं विगत 2 माह से प्रतिदिन मृत्यु के संदेश में क्षेत्र को हिला कर रख दिया है क्षेत्र में फैली इस बीमारी को लेकर प्रशासन की क्या व्यवस्था है इस पर अगर गौर किया जाए तो 0 बटा सन्नाटा है कन्नौद एवं खातेगांव में सरकारी अस्पतालों में हालत बहुत खराब है कोई देखने और सुनने वाला नहीं है जो डॉक्टर है दिनभर प्राइवेट प्रैक्टिस में मजगूल है चिकित्सालय में क्या हो रहा है जब हमने इसको प्रत्यक्षता में जाकर देखा तो वहां पर वार्ड बॉय और नर्सों के अलावा कोई जवाब देह अधिकारी नहीं मिला जब व्यवस्थाओं की ओर ध्यान दिया तो पता चला कि यहां पर इस बीमारी से निपटने के लिए संसाधन छोड़ औषधी भी नहीं है ऑक्सीजन सिलेंडर खाली पड़े हैं इमरजेंसी के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है दुर्भाग्य दोनों क्षेत्रों का जहां पर इंदौर जैसे विशाल प्राइवेट नर्सिंग होम भी उपलब्ध नहीं है ऐसी परिस्थिति में क्षेत्र के लोगों को इंदौर देवास भोपाल और हरदा की शरण में जाना पड़ता है वर्तमान में तो इन सभी शहरों में मरीजों को लेने की बात दुर
देखना भी पसंद नहीं कर रहे हैं ऐसी स्थिति में क्षेत्र का हर नागरिक परेशान है नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में दिनोंदिन विकट स्थिति बनती जा रही है इसको देखते हुए जिला प्रशासन को चाहिए छोटे-छोटे कस्बों में भी लॉकडाउन लगाया जाना निहायत जरूरी हो गया है इसी के साथ क्षेत्र को भारी संख्या में स्वास्थ्य अमला तैनात करना चाहिए जो कि गांव गांव जाकर इन बीमारियों के वहीं पर जांच करें शंका होने पर तत्काल उसको उचित स्थान पर रेफर किया जाना चाहिए जब तक यह व्यवस्थाएं नहीं होगी निश्चित मानिए आने वाले 2 सप्ताह में यह बीमारी गंभीर रूप धारण कर लेगी अभी भी समय है बीमारी की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन को कठोर कदम उठाना चाहिए।
हमने अपने समाचार पत्र के माध्यम से मीडिया के ग्रुप के माध्यम से प्रदेश शासन को आगाह किया था जब तक कि देवास कलेक्टर नहीं बदला जाता तब तक इस जिले की यह बीमारी कंट्रोल नहीं हो सकती क्योंकि यह कलेक्टर सुस्त है निर्णय लेने की क्षमता नहीं है ऐसी स्थिति में जिले में इस बीमारी को फैलने से कोई भी नहीं रोक सकता है कलेक्टर राजनेताओं से घिरा रहता है उनके नक्शे कदम पर चलने वाले कलक्टर कभी भी सफल नहीं होते हैं क्या प्रदेश शासन समय रहते तत्काल जिला कलेक्टर को हटाकर और कोई योग्य तेजतर्रार कलेक्टर को देवास जिले की कमान सौंपी जाएगी। अब समय आ गया है इस रोकथाम के लिए क्षेत्र के प्रबुद्ध नागरिकों को प्रशासन का तलव करें उनको प्रत्येक वार्ड शहर के चारों तरफ नाकेबंदी और ग्रामीण क्षेत्रों में भी इनकी मदद के साथ इस घातक बीमारी को फैलने से मदद ले इससे एक तो आम नागरिक इस घातक बीमारी से सावधान बनेगा वहीं दूसरे लोगों के लिए सेवा धर्म का एक नया संदेश आमजन के बीच में जाएगा क्या प्रशासन हमारी इस राय से सहमत होकर प्रशासन+प्रबुद्ध नागरिकों की टोली बनाकर मैदान में उतारे गा?
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