3 साल की जीविशा ने कर दिया कमाल, वर्ल्ड रिकार्ड आफ इंडिया बुक में दर्ज करवा दिया नाम ! 30 घंटे के तप का मिला फल
हरदा (निखिल रुनवाल) - भुआणा क्षेत्र शुरू से साहित्यक व कठिन तप और कलाकरों की भूमि रही है जिसमे शहर के युवा वर्ल्ड रिकार्ड व इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड के लिए ही फाइट करते रहे है हाल ही में जिले के युवाओं को कई ख्यातिस्तर के प्रमाण पत्रों से नवाजा जा चुका है पर अब 3.5 साल की जीविशा काला ने भी वर्ल्ड रिकार्ड ऑफ इंडिया बुक में अपना नाम दर्ज करवा दिया केवल 3 साल की उम्र में जैन धर्म के सिद्धांत, संस्कारों को व्यावहारिक जीवन में अपनाते हुए मोक्ष सप्तमी पर निर्जला उपवास की तप और त्याग की साधना करने वाली कुमारी जीविशा पिता जयेश काला का नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ इंडिया में दर्ज हुआ है। 14 अगस्त को उन्होंने ये कठिन तप निर्जला व्रत के रूप में शुरू की थी लगातार 30 घंटे तक निर्जला व्रत के रूप में तटस्थ रही समाज की महिला परिषद ने भी उसके घर पहुंचकर सम्मान किया।
जीविशा के साथ साथ फलक ने भी निर्जला व्रत किया था
जैन समाज अध्यक्ष सुरेन्द्र जैन ने बताया जीविशा ने श्री पार्श्वनाथ भगवान के निर्वाणोत्सव पर साता व सरल परिणामों के साथ मोक्ष सप्तमी का निर्जल उपवास निर्विघ्न पूरा किया। यह उनके धार्मिक सुसंस्कारों का नतीजा है। ट्रस्टी राजीव जैन ने बताया जीविशा के इस निर्जला उपवास को वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ इंडिया ने अपने रिकॉर्ड में शामिल कर प्रशस्ति पत्र दिया है। वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ इंडिया के चीफ एडिटर ने यह प्रमाण पत्र देते हुए कहा कि इतनी छोटी सी उम्र में इतने लंबे समय तक उपवास करने का अन्य कोई रिकॉर्ड नहीं है। वही जीविशा के साथ 7 साल उम्र में कठिन व्रत करने वाली पलक का भी सम्मान किया गाय उल्लेखनीय है कि जीविशा की माँ आयुषी हरदा शहर की है बालिका ने 14 अगस्त सप्तमी को ये व्रत रखा था ! प्रमाण पत्र देने वाली संस्था उपस्थित भी रहे और जैन समाज ने हरदा में बालिका का सम्मान किया ! वही जीविशा वर्तमान में इंदौर में अध्यनरत है !
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