इंदौर (चक्र डेस्क) - रेलवे प्रशासन ने यात्रियों के लिए सफर को आरामदायक और ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने को अमलीजामा पहना दिया है. इंदौर से चलने वाली 15 से ज्यादा ट्रेनें अब एलएचबी रैक से चल रही हैं. नए रैक से चलने से जहां यात्रियों का सफर और आरामदायक हो गया, वहीं इन ट्रेनों की स्पीड भी ज्यादा हुई है. ये ट्रेनें नागदा के आगे के सेक्शन में 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही हैं. दरअसल, रेलवे ने हाल ही में इंदौर-शिप्रा हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन को एलएचबी रैक से चलाने का निर्णय लिया है. आने वाले समय में पटना और शांति एक्सप्रेस ट्रेन को भी एलएचबी कोच से चलाने की तैयारी है. रेलवे अब इंदौर से चलने वाली सभी ट्रेनों के रैक बदल रहा है. इंदौर-शिप्रा हावड़ा एक्सप्रेस 2 अक्टूबर से नए रैक से चलेगी. इसके रैक अगले सप्ताह तक इंदौर आ जाएंगे. वहीं, इससे पहले रेलवे इंदौर-अमृतसर, इंदौर-चंडीगढ़, इंदौर-दिल्ली निजामुद्दीन, अवंतिका एक्सप्रेस, इंदौर-पुणे, मालवा एक्सप्रेस, इंदौर-देहरादून, गुवाहाटी एक्सप्रेस, इंदौर-नागपुर एक्सप्रेस, ओवरनाइट एक्सप्रेस सहित अन्य ट्रेनों को पहले ही एलएचबी रैक से चला रहा है.
इन ट्रेनों में भी जल्द ही एलएचबी रैक होगी
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक धीरे-धीरे सभी ट्रेनों का संचालन एलएचबी रैक से ही किया जाएगा. शांति एक्सप्रेस, इंदौर-बिलासपुर, इंदौर-पटना एक्सप्रेस, इंदौर-बीकानेर, गांधीधाम, इंदौर-रीवा एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन फिलहाल एलएचबी रैक से नहीं हो रहा है. रेलवे अधिकारियों के अनुसार अब जल्द ही पटना एक्सप्रेस, इंदौर-गांधीनगर शांति एक्सप्रेस ट्रेन को एलएचबी रैक में बदला जाएगा.
सीटिंग कैपेसिटी और कोच की स्पीड बढ़ी
ये जर्मन तकनीक के कोच हैं. स्टेनलेस स्टील से बनते हैं. सीबीसी (सेंट्रल बफर कॉलिंग) सिस्टम के कारण दुर्घटना के दौरान डिब्बे एक के ऊपर एक नहीं चढ़ते हैं. स्लीपर में 80 और 3एसी में 72 सीटें होती हैं. रेलवे पैसेंजर एमीनिटीज कमेटी के पूर्व सदस्य नागेश नामजोशी के अनुसार एलएचबी रैक से आरामदायक सफर तो हुआ ही, स्पीड भी 110 किमी थी, जो अधिकतम थी.
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