इंदौर (निप्र) - शहर की गुलाबबाग कालोनी में गुरुसाईं आयुर्वेदिक एंड हर्बल प्रोडक्ट प्राइवेट लिमिटेड नाम की फर्म पर मंगलवार को प्रशासन, आयुष विभाग और क्राइम ब्रांच के दल ने छापामार कार्रवाई की। जांच में पाया गया कि फर्म के संचालक को आयुष विभाग ने जिस नाम से लाइसेंस दिया था, वह उस नाम का उपयोग न करके शार्ट फार्म जीएएचपी का उपयोग कर रहे थे। निर्माणशाला का भी पूरा पता नहीं लिखा जा रहा था। इस तरह फर्म के संचालक बृजमोहन सिंघी मिस ब्राडिंग कर आयुर्वेदिक दवाइयां बना रहे थे। अपर कलेक्टर अभय बेड़ेकर के मुताबिक, संयुक्त टीम ने पंचनामा बनाकर कंपनी की सारी औषधियों को एक कमरे में सील कर दिया है। फर्म की यह कारस्तानी ड्रग्स एंड कास्मेटिक एक्ट-1940, नियम-1945 की धारा-33 के तहत गैरकानूनी है और इसके लिए एफआइआर की जाएगी। बताया जाता है कि फर्म द्वारा यौनशक्ति बढ़ाने वाली दवाइयां बनाई जाती हैं। इसमें पाउडर, कैप्सूल और जोड़ों के दर्द का तेल शामिल है।
जिला आयुर्वेद अधिकारी डा. हिम्मतसिंह डाबर ने बताया कि फर्म के पास दवाइयां बनाने का लाइसेंस तो है, लेकिन सबसे बड़ी गलती यह है कि वह लाइसेंस की शर्तों के अनुसार अपने उत्पादों पर तय नाम का उपयोग न करके शार्ट फार्म लिख रहा था। जिस नाम से लाइसेंस दिया गया है, उसमें छेड़छाड़ कर किसी अन्य नाम का उपयोग दवाइयों के लेबल पर नहीं किया जा सकता। फर्म से पाउडर, तेल और कैप्सूल के चार नमूने जांच में लेकर ग्वालियर की शासकीय प्रयोगशाला का भेजे जाएंगे। जांच के बाद ही दवा के असली और नकली होने का पता चल पाएगा। छापामार कार्रवाई में आयुष विभाग के डा. राजेश गुप्ता, डा. कमलेश पाटिल, डा. महेश पोरवाल, डा. मनीष पटेल, राेहित नारोलिया सहित क्राइम ब्रांच की टीम शामिल थी।
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