चक्र डेस्क (राकेश चौकसे) - उपचुनाव का महासमर, लोकतंत्र के सबसे बड़े मन्दिर का प्रवेश द्वार खोलेगा, लोकतंत्र के हवन कुंड में मतो की आहुति शनिवार को डाली जाएगी, शनिवार भगवान शनि का यह दिन भाजपा प्रत्याशी श्री ज्ञानेश्वर पाटिल पर अपनी छाया रखता,या निमाड़ की सत्ता का सुख भोगने में लालायित कांग्रेस के श्री राजनारायण सिंह पुरनी को आशीष प्रदान करता है देखना पड़ेंगा।निमाड़ की राजनीति में नए युग का सूत्रपात हो गया है, आज की तारीख में दोनो राजनीतिक दलों के पास धनात्मक कुछ है तो वह है बैठक व्यवस्था और जाजम जिस पर बैठने से नेता कभी कतराते थे,आज अपने हाथो से जाजम बिछाते नजर आ रहे है और बैठकर नई रचना बना भी रहे है। शनि का मंगल अनिष्ट नही करे तो, मंगलकारी परिणाम सामने आ सकते है, किन्तु विघ्नसंतोषी कार्यकर्ता (भैरव)बनकर आसानी से पीछा छोड़ने वाले नही है,यहाँ यह समझने वाली बात है इस चुनाव में पार्टी से ज्यादा क्षेत्रीयता हावी दिखाई दे रही है। नेताओ के लच्छेदार भाषण आम मतदाताओ को कितना प्रभावित करते है आज गर्त में है।
“ कर्म जिसके अच्छे, किस्मत उसकी दासी है
नियत जिसकी साफ घर में उसके मथुरा काशी है ”
देखना यह है, आगामी 30 तारीख को हनुमान रूपी कार्यकर्ता अपने प्रत्याशी को शनि का दशा से बाहर निकालते है,या बनवास काटने पर मजबूर करते है।
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