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600 करोड़ के घोटाले पर भाजपा सांसद गुमान सिंह डामोर पर एफआईआर दर्ज, कैमरा देख भागे, सवालों पर साधी चुप्पी

भोपाल (ब्यूरो) - भ्रष्टाचार के आरोप में फंसे भाजपा के झाबुआ से सांसद गुमान सिंह डामोर की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. झाबुआ सांसद गुमान सिंह डामोर मंगलवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में मीडिया के कैमरों से बचते हुए नजर आए. मीडियाकर्मीयों को देखते ही सांसद कार्यालय से भागने लगे. भ्रष्टाचार के सवालों पर सांसद ने चुप्पी साधी रखी. कैमरों से बचते-बचाते हुए कार में सवार होकर सवालों के जवाब से छुपते हुए भाग खड़े हुए. करप्शन के आरोपों से घिरे भाजपा के झाबुआ सांसद गुमान सिंह डामोर सफाई देने के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पहुंचे थे. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा के सामने केवल 2 मिनट की सफाई के बाद ही सांसद रवाना हो गए. मीडिया ने जब सांसद से भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर सवाल किए तो सांसद दौड़ते हुए नजर आए. आरोप सही है या गलत, इस पर भी सांसद ने चुप्पी साधे रखी. भ्रष्टाचार के आरोपों के सवालों को  सांसद के भागने पर भी लगातार सवाल करते रहे. बावजूद इसके भ्रष्टाचार पर सफाई को लेकर सांसद बिना कुछ बोले सवालों से बचते हुए नजर आए. झाबुआ से भाजपा सांसद गुमान सिंह डामोर, आलीराजपुर के तत्कालीन कलेक्टर और वर्तमान में मप्र विद्युत मंडल के एमडी गणेश शंकर मिश्रा, पीएचई के कार्यपालन यंत्री डीएल सूर्यवंशी, सुधीर कुमार सक्सेना के खिलाफ न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अलीराजपुर अर्पित जैन ने भादवि की धारा 197, 217, 269, 403, 406, 409 एवं 420 के तहत अपराध पंजीबद्ध करने के निर्देश दिए हैं. इंदौर के धर्मेंद्र शुक्ला ने इन सभी के खिलाफ करोड़ों के घोटाले में लिप्त होने से संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत किए थे. आरोप है कि इन सभी नव 600 करोड़ की फ्लोरोसिस परियोजना में करोड़ों की हेरा फेरी की थी.

यह है मामला

सांसद बनने से पहले साल 2006-07 में गुमान सिंह डामोर मुख्य अभियंता (चीफ इंजीनियर) फ्लोरोसिस नियंत्रण परियोजना के रूप में इंदौर में पदस्थ थे. आरोप है कि इन्होंने फ्लोरोसिस नियंत्रण एवं पाइप सप्लाई मटेरियल खरीदी और अन्य कई योजनाओं के नाम अलीराजपुर और झाबुआ क्षेत्र में करोड़ों रुपये के बिल गैरकानूनी रूप से अपने प्रभाव से पास करवाए. आरोप है कि योजनाओं में ना तो आदिवासी क्षेत्र में कोई फ्लोरोसिस नियंत्रण का काम किया गया और ना क्षेत्र मे हैंडपंप खुदवाए‌ गए. दस्तावेजों के साथ पत्रकार धर्मेंद्र शुक्ला ने उच्च न्यायालय के समक्ष साल 2015 और 2017 में याचिकाएं लगाई थी. इसके बाद साल 2019 में आलीराजपुर न्यायालय में परिवाद दाखिल किया था. कोरोना के चलते तब बयान नहीं हो पाए थे. याचिका में पारित आदेश में आलीराजपूर में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के समक्ष परिवाद मय दस्तावेजों के पेश किए गए. इसी महीने 4 दिसंबर को न्यायालय में गवाहों के कथन करवाए गए. इस पर कोर्ट ने केस संख्या 2280/2021 में मामला दर्ज किया है, जिसमें आरोपियों को 17 जनवरी 2022 को न्यायालय आलीराजपुर में पेश होने को कहा गया है. मामला दर्ज होने से सांसद गुमान सिंह डामोर के मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

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