भोपाल (ब्युरो) - भ्रष्टाचार के एक मामले में ईओडब्ल्यू ने विदिशा के एसडीएम शोभित त्रिपाठी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. मामला विवाह सहायता योजना में करोड़ों के घोटाले का है.मुख्यमंत्री चौहान की नाराजगी के बाद ये एफआईआर दर्ज की गयी है. त्रिपाठी ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिरोंज जनपद पंचायत रहते हुए अपात्र लोगों को ये पैसा बांट दिया. विदिशा एसडीएम शोभित त्रिपाठी ने सिरोंज जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रहते हुए ये बड़ा घोटाला किया. कोरोना महामारी के दौरान विवाह सहायता योजना के तहत अपात्र और बोगस हितग्राहियों को करोड़ों रुपए बांट दिये गए. ईओडब्ल्यू ने अब त्रिपाठी के खिलाफ धोखाधड़ी, गबन, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है. इस मामले में त्रिपाठी के अलावा अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है. कलेक्टर विदिशा ने इसकी उच्च स्तरीय जांच की थी. उसमें भी यह आरोप सही पाए गए थे. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी इस मामले के संज्ञान में आने के बाद अपनी नाराजगी भी जाहिर की थी.
लॉकडाउन के दौरान घपला
ईओडब्ल्यू ने अपनी जांच में पाया कि ये घोटाल लॉकडाउन के दौरान किया गया. कोविड महामारी के कारण जब पूरे प्रदेश में लॉकडाउन था और शादियों पर प्रतिबंध था तब उस दौरान मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिरोंज रहते हुए शोभित त्रिपाठी ने कथित रूप से 14 जनवरी 2020 से 30 जून 2021 के बीच लगभग 3500 हितग्राहियों को विवाह सहायता योजना के नाम पर 18 करोड़ 52 लाख 32 हजार रुपए बांट दिये.
ईओडब्ल्यू ने अपनी जांच में पाया कि ये घोटाल लॉकडाउन के दौरान किया गया. कोविड महामारी के कारण जब पूरे प्रदेश में लॉकडाउन था और शादियों पर प्रतिबंध था तब उस दौरान मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिरोंज रहते हुए शोभित त्रिपाठी ने कथित रूप से 14 जनवरी 2020 से 30 जून 2021 के बीच लगभग 3500 हितग्राहियों को विवाह सहायता योजना के नाम पर 18 करोड़ 52 लाख 32 हजार रुपए बांट दिये.
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