उज्जैन (वरुण पिंडावाला) - इस साल महाशिवरात्रि पर महाकाल की नगरी में उज्जैन में दीपोत्सव मनेगा. महाकाल के दरबार से लेकर पूरी नगरी दीपों से जगमगाएगी. पूरे शहर में 11 लाख दीप लगाए जाएंगे. लोगों से अपील की गयी है कि वो घर की लाइट बंद रखें और 5 दीप जलाएं. महाशिवरात्रि पर महाकाल की नगरी उज्जैन भी इस बार राम की नगरी अयोध्या की तरह सजेगी. पूरा शहर दीपों की रोशनी से जगमग होगा. कुल 11 लाख दीप जलाए जाएंगे. सीएम शिवराज सिंह चौहान की ख्वाहिश थी कि शिवरात्रि पर शहर को रौशन किया जाए.
अयोध्या की तर्ज पर सजावट
सीएम शिवराज सिंह चौहान के निर्देशानुसार पर्व पर उज्जैन को अयोध्या की तर्ज पर लाखों दीपों की रोशनी से रोशन किया जाना है. ऐसा माहौल बनाना है जिसे हर कोई याद रखे. ये सभी काम पर्यटन को बढ़ावा देने और महाकाल की नगरी के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था को ध्यान में रखते हुए किए जा रहे हैं. दीपोत्सव पर्व मनाने की तैयारी जोरों पर है. मंत्री डॉ मोहन यादव के अनुसार सृष्टि की उत्पत्ति में उज्जैन का खास महत्व बताया गया है. इसलिए विक्रम उत्सव गुड़ी पड़वा पर उज्जैन का जन्म उत्सव मनाने की भी योजना है. विधायक पारस जैन का कहना है महाशिवरात्रि पर्व के 1 दिन पहले शिव बारात भी निकाली जाएगी.
1 वॉलिंटियर और 100 दीपक
कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा सीएम शिवराज की मंशा है महाशिवरात्रि पर शहर को दीपों से रोशन किया जाए. आम जनता की जागरूकता बढ़ाने के लिए उनसे इस पर्व में हिस्सा लेने के लिए अपील की जाए. बैठक में जितने भी प्रतिनिधि शामिल थे सबने इस पर्व को भव्य बनाने पर सहमति जताई है. इस पूरे काम के लिए 6 समितियां बनायी जाएंगी. एक वॉलिंटियर को 100 दीपों की जिम्मेदारी दी जाएगी. 11 लाख दीपों के लिए10 हजार वॉलेंटियर चाहिए. काम चुनोती पूर्ण है क्योंकि तैल और दीपक की उपलब्धता करवानी होगी. अगर कोई संस्था इसमें भागीदारी करना चाहती है तो उन सभी का स्वागत है. आमजन से अपील की जाएगी कि अपने अपने घरों में 5 दीपक लगाएं और लाइट बंद रखें.
हर घर में 5 दीपक
उज्जैन में कोठी रोड स्थित बृहस्पति भवन में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव, विधायक पारस जैन कलेक्टर आशीष सिंह, एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल और आला अधिकारियों की बैठक हुई थी. इसमें शहर के सामाजिक संगठन, संत समाज, एनजीओ और कई लोग शामिल हुए. इसी बैठक में तय किया गया कि 11लाख से अधिक दीपों से महाकाल की नगरी को महाशिवरात्रि पर्व पर रोशन किया जाए. गुड़ी पड़वा विक्रम उत्सव पर उज्जैन का जन्मोत्सव मनाया जाना है. यह 2 दिन आने वाले समय में खास रहेंगे. उज्जैन का एक अलग माहौल देखने मिलेगा.
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