बलात्कार के चिन्हित जघन्य अपराध मामले में आरेापी को 20 साल का कारावास डीएसपी पिन्टू बघेल की रही अहम भूमिका
खरगोन (पंकज ठाकुर) - नाबालिग को बलपुर्वक सोते समय रात के अंधेरे में ले जाने के बाद घर से दूर जंगल में बलपूर्वक बलात्कार करने वाले आरोपित को न्यायालय ने दोष सिद्ध होने पर 20 वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित किया है। आरोपित पीडि़ता के बड़े पापा के घर मजदूरी करता था। उप संचालक अभियोजन जेएस मुवैल ने बताया कि 17-18 मई 2020 को 14 वर्षीय पीडि़ता बरुड़ थानाक्षेत्र के ग्राम में अपनी बहन के साथ सोई थी। रात करीब 1.30 बजे पीडि़ता के बड़े पापा के घर मजदूरी करने वाला कुंदन आया और पीडि़ता को बलपुर्वक जंगल में स्थित सुनसानी पहाड़ी पर ले गया। पीडि़ता का गला दबाने से वह शोर भी नहीं मचा सकी। पहाड़ी पर ले जाने के बाद कुंदन ने उसे कहा कि वह उससे शादी करेगा, जब पीडि़ता ने इंकार किया तो कूंदन ने जबरजस्ती पीडि़ता के साथ दो बार बलात्कार किया और उसे किसी को यह बात बताने पर जान से मारने की धौंस दी। पीडि़ता ने उक्त घटना अपने घर आकर परिजनों को बताई, जिसके बाद बरुड थाने पर शिकायत दर्ज कराई गई। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जघन्य एवं चिन्हित अपराधों में शामिल कर विवेचना की गई। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश ने दोष सिद्ध होने पर कुंदन को पॉक्सो एक्ट में 20 वर्ष के सश्रम कारावास, 10 हजार रुपए के अर्थदंड एवं धारा 368 भादवि में 2 वर्ष के सश्रम कारावास, 1 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है।
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