जबलपुर (ब्युरो) - जबलपुर स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस केंद्रीय जेल उड़ता पंजाब बन रही थी. जेल में ड्रग सप्लाई की जा रही थी. इस कारनामे में खुद जेल का ही एक सिपाही शामिल था जो तलाशी में पकड़ा गया. उसे तत्काल सस्पेंड कर दिया गया है. प्रहरी पूर्व सैनिक है इसलिए सैनिक कल्याण बोर्ड को भी उसकी हरकतों की सूचना दे दी गयी है. पूरा मामला तब सामने आया जब रात की शिफ्ट बदलते वक्त जबलपुर केंद्रीय जेल में पदस्थ प्रहरी की तलाशी ली गई. वो तलाशी लेने वाले अधिकारी से गेट पर उलझ गया. लेकिन जब सख्ती की गई तो पूरा मामला सामने आ गया।
बेल्ट से तस्करी
जेल में मादक पदार्थों की तस्करी की जा रही थी. इस धंधे में जेल का ही एक गार्ड शामिल था. तस्करी इतने शातिराना तरीके से की जा रही थी कि किसी को शक न हो. गार्ड यानि प्रहरी अपने बेल्ट पर एक लेयर बनाकर गांजे की पुड़िया रखे हुए था. ये ड्रग वो कैदियों को सप्लाई करता था. इस प्रहरी के पास से 30 ग्राम से ज्यादा का गांजा जब्त किया गया. जेल प्रबंधन ने तत्काल ही उसे निलंबित कर दिया.
संदिग्ध प्रहरियों पर थी नजर
जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर ने बताया समय-समय पर संदिग्ध प्रहरियों पर जेल प्रबंधन की नजर रहती है. उन्हीं में से एक प्रहरी राजेंद्र राठौर भी था जो भूतपूर्व सैनिक है. फिलहाल वह अपनी सेवाएं परिवीक्षा अवधि में जबलपुर स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस केंद्रीय जेल में दे रहा था. कई दिन से जांच टीम उस पर नजर रखे हुए थी. जिसे पकड़ लिया गया है.
पहले सेना में था आरोपी प्रहरी
जब से राजेंद्र केंद्रीय जेल में पदस्थ हुआ है उसके बाद से ही उसकी गतिविधियां संदिग्ध रही हैं. इस वजह से जेल प्रशासन लगातार उस पर अपनी नजरें टेढ़ी किए हुए था. जब पूरा मामला उजागर हुआ तो जेल प्रशासन ने तत्काल उसे सस्पेंड कर दिया. जेल प्रशासन ने सैनिक कल्याण बोर्ड को भी चिट्ठी भेजी है. इसमें सेना की ओर से उसे दी जा रही तमाम सेवा-सुविधाएं निरस्त करने के लिए कहा गया है. जेल प्रहरी फिलहाल पुलिस गिरफ्त से बाहर है. अब तक जेल प्रशासन ने उसके खिलाफ FIR के लिए पत्र नहीं लिखा है.
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