हाटपीपल्या (आर्यभूषण शर्मा) - जगत के तारणहार, दुष्ट विनाशक, भक्तवत्सल, गौ उद्धारक, अबला रक्षक, नंदलाल श्री कृष्ण के अवतरण पर पूरा नगर श्रीकृष्ण की भक्ति में रम सा गया । श्री नृर्सिंह मंदिर, श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर, श्री बाबा रामदेव मंदिर, श्री गीता भवन का श्री कृष्ण मंदिर, श्री गायत्री शक्तिपीठ, देवगढ़ चौराहे पर शिव मंदिर, राजेंद्र नगर में यदुनंदैश्वर मंदिर, श्री बालाजी मंदिर, श्री राधा कृष्ण मंदिर सभी जगह मंदिरों में आकर्षक फूलों से व विद्युत सज्जा द्वारा सजाया गया । सभी मंदिरों में गायक कलाकारों और नगर की प्रमुख भजन मंडलियों द्वारा भजन कीर्तन का कार्यक्रम सतत चलता रहा । सभी मंदिरों में भगवान योगीराज श्री कृष्ण का जन्मदिन बड़े धूमधाम से मनाया गया । विशेषकर महिलाओं की भीड़ आज सुबह से ही सभी मंदिरों में उमड़ी और युवा और पुरुष लोग मध्य रात्रि तक भगवान श्रीकृष्ण के प्राकट्य उत्सव मनाने और उनका दर्शन करने के लिए मंदिरों में डटे रहे ।
प्रतिवर्ष की भांति नगर के सुप्रसिद्ध भगवान नृर्सिंह मंदिर की माखन मिश्री की बोली लगाई गई । इस वर्ष की माखन मटकी की बोली योगेश मिस्त्री परिवार द्वारा ₹36001 में ली गई । और जैसे ही रात्रि के ठीक 12 बजे वैसे ही सभी मंदिरों के शंख, घंटे, घड़ियाल बजाए गए । भक्त खुशी में नाचने, झूमने लगे और सभी बोलने लगे जग में आनंद भयो जय कन्हैया लाल की, हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की । खूब खुशियां मनाई गई पटाखे फोड़े गए और माखन मिश्री, पंचमेवा अनेक प्रकारों के फलों का प्रसाद भक्तों में बांटा गया । "पर्व विशेष" आज समाज को भगवान योगीराज श्री कृष्ण के पदचिन्हों पर चलने की आवश्यकता हैं । भगवान श्री कृष्ण के बारे में कहा गया है, कि उनके जैसा योगीराज, उनके जैसा बलवान, उनके जैसा निष्कलंक, राजनीति, कूटनीति, शस्त्र निती, शास्त्र निती में निपुण व्यक्तित्व "न भूतो न भविष्यति" अर्थात उनके जैसा विद्वान वीर ना तो पहले कोई हुआ था और ना कभी कोई होगा । अतः आज समाज को योगीराज श्री कृष्ण की उनके महान व्यक्तित्व की सच्चाई को जानना और समझना ही होगा तभी जन्माष्टमी मनाना सार्थक होगी ।
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