भोपाल (स्टेट ब्यूरो सागर मेहता) - मध्य प्रदेश में गिरफ्तार किए गए पॉपुरल फ्रट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के 4 नेताओं से बरामद डिजिटल डिवाइस से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. उनकी डिवाइस से डिलीट डाटा की रिकवरी कर ली गई है. इसमें खुलासा हुआ है कि इनके वॉट्सएप ग्रुप के साथ-साथ संगठन में घरेलू महिलाएं और कॉलेज की छात्राएं भी थीं. इस ग्रुप में देश के खिलाफ संदिग्ध गतिविधियों को संचालित किया जा रहा था. यहां लोगों को देश के खिलाफ भड़काने के साथ-साथ कट्टरपंथी विचारधारा का प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा था. गौरतलब है कि 7 दिन पहले एमपी एटीएस ने एनआईए के साथ इंदौर और उज्जैन में छापामार कार्रवाई की थी. इस दौरान पीएफआई के प्रदेश स्तर के चार नेताओं को गिरफ्तार किया गया था. इन सभी आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है. इनके पास से कई मोबाइल फोन, लैपटॉप और इलैक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद हुई थीं. इन डिवाइस की जांच की गई पता चला कि बड़ी मात्रा में डाटा डिलीट कर दिया गया है. सुरक्षा एजेंसी ने जब डाटा को रिकवर कराया तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए. रिकवर डाटा में घरेलू महिलाओं और कॉलेज छात्राओं का पीएफआई से कनेक्शन मिला. इन ‘जिहादी वॉट्सएप’ ग्रुपों से पता चला कि महिलाएं और छात्राएं इस संगठन की मेंबर हैं.
ये हैं आरोपी
जानकारी के मुताबिक, इंदौर का अब्दुल करीम बेकरी वाला पीएफआई का प्रदेश अध्यक्ष है. इंदौर का ही अब्दुल खालिद पीएफआई का जनरल सेक्रेटरी है. इंदौर का मोहम्मद जावेद निवासी पीएफआई का प्रदेश कोषाध्यक्ष है. उज्जैन का जमील शेख पीएफआई का प्रदेश सचिव है. भोपाल एटीएस थाने में आरोपियों पर आईपीसी 121ए, 153ए, 120बीधारा 13[1बी], 18 यूएपीए एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई. आरोपियों के पास से बड़ी संख्या में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, देश विरोधी दस्तावेज और डिजिटल दस्तावेज बरामद हुए थे. पीएफआई के सदस्य दूसरे राज्यों से आकर मध्य प्रदेश में बड़ी संख्या में लोगों को जोड़ रहे थे. प्रदेश में सक्रिय पीएफआई के सदस्य लोगों को भ्रमित कर देश विरोधी गतिविधियों के लिए उकसा रहे थे.
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