11 स्थानों पर हुआ लाइव प्रसारण
शहर के 11 अलग-अलग स्थानों पर दिल्ली में हो रहे कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया गया. जैसे ही इंदौर को नंबर वन का खिताब मिला सभी इंदौरी झूम उठे और एक दूसरे को गले मिलकर बधाइयां देने लगे. इंदौर सफाई को त्यौहार की तरह मनाता है यही एक वजह है कि हम लगातार छठवीं बार नंबर 1 का खिताब अपने नाम कर पाए हैं. शहर के साढ़े सात हजार सफाई मित्र दिन-रात अपनी मेहनत में लगे रहते हैं उसी का नतीजा है कि हम हर बार नंबर 1 ही रहते हैं.
इंदौर दूसरे शहरों से बहुत आगे
अभी तक कई शहर ऐसे हैं, जहां गंदगी का आलम ही सुर्खियों में रहता है, वहीं, 32 लाख इंदौरियों ने सफाई को अपने डीएनए में उतारकर पिछले पांच सालों से अपना लोहा मनवाया है. अन्य सभी शहर कचरा निपटाने की व्यवस्था में सरकारी रकम ख़र्च करते हैं लेकिन इंदौर इस मामले में भी आगे है. गीले कचरे से बायो सीएनजी फॉर्मूले की मदद से अपना खर्च तो कम करता ही है बल्कि कचरे से अपनी कमाई भी करता है. यानी इंदौर में कचरे से कमाई होती है. इसके अलावा कुछ और फैक्टर भी हैं, जो स्वच्छता के मामले में इंदौर को अग्रणी बनाए रखते हैं.
कचरे की छंटाई में भी इंदौर अपग्रेड
नगर निगम इंदौर ने 2017 में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन वाहन से गीला और सूखा कचरा लेने की व्यवस्था बनाई थी. साल 2019 में इन वाहनों में तीसरा बिन लगाया गया. 2020 में इन वाहनों में ‘सिक्स बिन सेग्रिगेशन’ की व्यवस्था शुरू हुई. इसमें गीले और सूखे कचरे के अलावा प्लास्टिक, इलेक्ट्रिक, घरेलू हानिकारक व सेनेटरी वेस्ट को अलग-अलग लेने के लिए कपार्टमेंट बनाए गए. ऐसे में छह तरह का कचरा अलग-अलग मिलने से छंटाई की समस्या कम हुई.
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