बुरहानपुर (निप्र) - नेपानगर नागरिक सहकारी बैंक में करीब 8.85 करोड़ के आसपास घोटाला उजागर हुआ था। इसकी जांच कुछ माह पहले अपर कलेक्टर शैलेंद्र सिंह सोलंकी ने कलेक्टर को सौंपी थी। मामले में सहकारिता विभाग ने बैंक प्रबंधन को दो माह का समय दिया था कि वह बैंक के जमाकर्ताओं का पैसा वापस लौटाए, लेकिन प्रबंधन द्वारा केवल कुछ ग्राहकों को ही ब्याज की राशि लौटाई जा रही थी जबकि मूलधन नहीं दिया जा रहा था। यहां करीब 650 से अधिक जमाकर्ताओं का करोड़ रूपया अटका है। समय सीमा देने के बाद भी करीब 4 माह तक राशि अदा न करने की स्थिति में सहकारिता विभाग का जांच दल बुधवार रात नेपानगर पहुंचा। रात करीब 2 बजे तक दस्तावेज खंगाले गए। इसके बाद नेपानगर थाने पहुंचकर 16 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया। इस दौरान सहकारिता उप पंजीयक भी अफसर, कर्मचारियों के साथ थाने पहुंची थीं
सहकारी निरीक्षक की शिकायत पर दर्ज हुआ केस
सहकारिता निरीक्षक पांडुरंग सोनवणे की शिकायत पर 16 आरोपियों पर केस दर्ज किया गया। जिसमें कैशियर सुरेश वानखेड़े, प्रबंधक सुभाष यादव, लेखापाल मुकेश तायड़े, तत्कालीन प्रबंधक शैलेष मांडले, उपाध्यक्ष सुभाष पाटिल, संचालक अशोक चौधरी, संचालक राजेंद्र महोदय, सुमन बाई, रमेश सिंह, विजय प्रकाश शर्मा लिपिक, भीमराव वानखेड़े, वसंत पवार संचालक, संध्या सिंह संचालक, योगेश महाजन लिपिक, राकेश जाधव लिपिक और सुधीर महाजन लेखापाल शामिल है।
यह है पूरा मामला
सहकारिता निरीक्षक उपायुक्त सहकारिता पांडुरंग पिता माणिकराव सोनवणे निवासी गुलाबगंज लालबाग बुरहानपुर ने नेपानगर थाने में देर रात नागरिक सहकारी बैंक के 16 लोगों के खिलाफ शिकायत की। जिसमें एक जांच प्रतिवेदन भी सौंपा गया। जिसमें कहा गया कि एक जांच दल बनाया गया था, लेकिन संस्था द्वारा रिकार्ड उपलब्ध नहीं कराया गया। जांच में 8 करोड़ 85 लाख का घपला सामने आया। जिसमें जमाकर्ताओं का पैसा हड़पने की बात कही गई। शिकायत के आधार पर नेपानगर थाना पुलिस ने मप्र सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 34 के अलावा धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया।
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