रुद्राक्ष के लालच में यहां न आएं - पं. प्रदीप मिश्रा
रुद्राक्ष महोत्सव में शामिल होने के लिए बिहार, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, हरियाणा से लेकर नेपाल तक से बड़ी संख्या में श्रद्धालु सीहोर पहुंचे.
सीहोर/भोपाल (चक्र डेस्क) - मध्य प्रदेश के सीहोर में कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर धाम में रुद्राक्ष वितरण के पहले दिन हालात बेकाबू नजर आए. लाखों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं के कारण आयोजन स्थल पर भगदड़ जैसे हालात हो गए.रुद्राक्ष लेने के लिए पहले ही दिन कार्यक्रम में करीब 10 लाख से ज्यादा लोग उमड़ पड़े, जिस वजह से सीएम शिवराज सिंह चौहान को भी अपना कार्यक्रम रद्द करना पड़ गया .पं प्रदीप मिश्रा ने मुफ्त में रुद्राक्ष बांटने का ऐलान किया था. मुफ्त का रुद्राक्ष पाने इतनी भारी भीड़ उमड़ पड़ी कि धाम की सभी व्यवस्थाएं ध्वस्त हो गयीं. हर तरफ वाहन ही वाहन और भीड़ ही भीड़ थी. लोग एक दूसरे पर चढ़ते और धकियाते नजर आए. लोग इस बात की शिकायत करते नजर आए कि ना उन्हें पीने का पानी मिल पा रहा है और ना ही खाना. रुद्राक्ष महोत्सव में लगे पंडाल पूरी तरह से भरे रहे और लोग खुले आसमान के नीचे चादर डाले अपना इंतजार करते रहे. रुद्राक्ष वितरण के दौरान भी अव्यवस्था की तस्वीरें सामने आयीं. लोग रुद्राक्ष के लिए धक्का मुक्की का शिकार हुए और कई लोगों को बिना रुद्राक्ष के ही वापस लौटना पड़ा. ये रुद्राक्ष महोत्सव 7 दिन चलना है. लेकिन पहले ही दिन जो अव्यवस्था फैली उसी से सबके हाथ पैर फूल गए हैं. सवाल शासन और प्रशासन पर उठ रहे हैं कि ये क्या तमाशा है. सवाल इस बात को लेकर भी उठे कि 22 फरवरी तक चलने वाले रुद्राक्ष वितरण के आयोजन की व्यवस्था सुधारने के लिए क्या प्रशासन और आयोजन कर्ताओं के इंतजाम इसी तरह के रहेंगे इस हुजूम धक्का मुक्की और अव्यवस्था के बीच एक और परेशानी ये खड़ी हुई कि मोबाइल नेटवर्क गायब हो गया. श्रद्धालुओं को मोबाइल नेटवर्क फेल होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा. भीड़ में फंसे लोग अपने लोगों से संपर्क भी नहीं कर पाए.
ऐसे ढह गई व्यवस्थाएं
कुबेरेश्वर धाम में बुधवार रात तक ही पंडाल भर गए थे, वहीं जगह न मिलने से श्रद्धालु होटलों, लाज से लेकर ग्रामीणों के घर और खुले मैदानों तक में ठहरे हुए थे। पहले दिन गुरुवार सुबह से ही हजारों वाहनों में श्रद्धालु धाम की ओर पहुंचने लगे। इससे व्यवस्था संभाल रहे एक हजार पुलिसकर्मी भी लाचार हो गए। सुबह ही 10 बजे तक ही इंदौर-भोपाल राजमार्ग पर 10-10 किमी व इछावर-भाऊखेड़ी से कोठरी जाने वाले मार्ग पर भी सात किमी का जाम लग गया था। हालत यह बनी कि दोपहर 12 बजे के बाद वाहनों को सात से आठ किमी पीछे रोका जाने लगा और लोग पैदल ही कुबेरेश्वर धाम पहुंचना शुरू हो गए। वहीं रुद्राक्ष वितरण के लिए बनाए गए जिगजैग की जालियां व बल्लियां टूट गई। जायजा लेने पहुंचे कलेक्टर-एसपी के वाहन सहित व्यव्स्था संभालने जा रहे पुलिसकर्मी तक भी जाम में फंस गए।
संभाग आयुक्त और आईजी व्यवस्था संभालने में लगे
संभाग आयुक्त मालसिंह का कहना हैं कि आयोजकों ने जो जानकारी लोगों के आने की दी थी, उससे पांच गुना ज्यादा लोगों की भीड़ आने से व्यवस्था बिगड़ी है. हम व्यवस्था संभालने में जुटे हुए हैं. आयोजकों ने जो जानकारी दी थी, उस हिसाब से व्यवस्था की गई थी. वहीं आईजी इरशाद वली का कहना है कि नेशनल हाइवे पर लंबा जाम कई किलोमीटर का है. अनुमान से पांच गुना ज्यादा लोगों का जमघट लगा है. पिछली साल जितनी संख्या सात दिन के आयोजन में आई थी, उससे कई गुना ज्यादा लोग एक दिन में ही आये है. फ़िलहाल पुलिस और प्रशासन की टीम के अलावा के राष्ट्रिय स्वयंसेवक संघ, बजरंग दल, स्थानीय लोग, समिति सदस्य सहित कुल 15 हजार लोग यहां व्यवस्थाएं संभाल रहे हैं। इनकी ड्यूटी कथा पंडाल, भोजन पंडाल, रुद्राक्ष वितरण केंद्र पर लगी हुई है।
दो शिफ्ट में काम कर रही पुलिस
महोत्सव में पुलिस 2 शिफ्ट में काम कर रही है। पहली शिफ्ट सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक और दूसरी शिफ्ट दोपहर 2 बजे से लेकर रात 8 बजे तक है। 700 जवान तैनात किए गए हैं। SP सीहोर मयंक अवस्थी के साथ 12 जवान लगे हैं। ASP और एसपी सीहोर के साथ 8-8 जवान लगे हैं। जबकि 100 जवानों को रिजर्व रखा गया है। ट्रैफिक पुलिस के जवान भी व्यवस्था संभाल रहे हैं।
3 महिलाएं लापता, एक की मौत
मंडी थाना ASI धर्म सिंह वर्मा ने बताया कि महाराष्ट्र के नासिक के मालेगांव से आई मंगला बाई (50) की तबीयत अचानक खराब हो गई। उसे चक्कर आया और वह गिर पड़ी और उसकी मौत हो गई। इधर छत्तीसगढ़ के भिलाई, राजस्थान के गंगापुर और महाराष्ट्र के बुलढाणा की रहने वाली तीन महिलाएं लापता हो गई हैं।
कथा रहेगी जारी, नहीं बंटेंगे रुद्राक्ष
देर रात विठ्ठलेश्वर समिति की तरफ से प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि अधिक भीड़ होने से रुद्राक्ष वितरण के लिए बनाई गई बैरिकेडिंग टूटने से फिलहाल रुद्राक्ष वितरण रोक दिया गया है। जब तक व्यवस्था ठीक नहीं हो जाती है, तब तक रुद्राक्ष का वितरण नहीं किया जाएगा। हालांकि शिव महापुराण कथा जारी रहेगी।
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