कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के निशाने पर हमेशा आरएसएस रहता है. इस बार ये वजह खुद संघ प्रमुख मोहन भागवत ने दे दी है. दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करके संघ प्रमुख को निशाने पर ले लिया है. उन्होंने सवाल किया है कि पंडित जो भी बात करते हैं वह शास्त्रों के लिहाज से करते हैं. ऐसे में मोहन भागवत जी बताएं कि क्या हमारे शास्त्र गलत हैं.
भोपाल (स्टेट ब्यूरो) - संघ प्रमुख मोहन भागवत के जाति व्यवस्था को लेकर दिए गए बयान के बाद मध्यप्रदेश की सियासत गरमा गई है. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सरसंघचालक से सवाल पूछा है "पंडित जो भी बात करते हैं वह शास्त्रों के लिहाज से करते हैं ऐसे में मोहन भागवत जी बताएं कि क्या हमारे शास्त्र गलत हैं?". कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के निशाने पर हमेशा आरएसएस रहता है. इस बार ये वजह खुद संघ प्रमुख मोहन भागवत ने दे दी है. दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करके संघ प्रमुख को निशाने पर ले लिया है. उन्होंने सवाल किया है कि पंडित जो भी बात करते हैं वह शास्त्रों के लिहाज से करते हैं. ऐसे में मोहन भागवत जी बताएं कि क्या हमारे शास्त्र गलत हैं.
संविधान को बदलने की कोशिश
मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता स्वदेश शर्मा का कहना है "संघ और भाजपा ने हमेशा सामाजिक ताना-बाना खराब करने का काम किया है. यह देश गंगा जमुना की तहजीब वाला देश है. इस तरह के बयान देकर वह संविधान की अवधारणा को बदलने का काम कर रहे हैं". कांग्रेस के हमलावर होने पर बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने मोहन भागवत के बयान का समर्थन किया. उन्होंने कहा "दिग्विजय सिंह वही व्यक्ति हैं जो हिंदू को आतंकवादी कहते हैं. आज वह सनातन की बात कर रहे हैं. पहले उन्हें सनातन धर्म को समझना चाहिए उसके बाद ही वह बात करें." संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान को जायज ठहराते हुए पंकज चतुर्वेदी ने कहा उन्होंने कुछ गलत नहीं कहा. यह बात सही है इंसान पैदा होता है समाज उसे जाति व्यवस्था में बांटता है. उन्होंने कहा जाति व्यवस्था खत्म करने के लिए महात्मा गांधी,भीमराव अंबेडकर, सरदार वल्लभभाई पटेल और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जीवन भर लड़ते रहे.
जातिगत बयान का राजनीति से पुराना नाता
यह कोई पहला मामला नहीं है जब जातियों को लेकर इस तरह का बयान दिया गया हो. 2018 के चुनाव के पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी एक कार्यक्रम के दौरान सवर्ण समाज के लिए कहा था कि कोई माई का लाल आरक्षण नहीं हटा सकता है. उसके बाद से पूरे प्रदेश में सवर्णों ने सरकार के खिलाफ आंदोलन भी किया था. मध्य प्रदेश बीजेपी के प्रभारी मुरलीधर राव ने एक कार्यक्रम में ब्राह्मण और वैश्य वर्ग के बारे में कहा था कि उनकी एक जेब मैं बनिया और एक मैं पंडित रहते हैं. एमपी कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के के मिश्रा भी खुद ब्राह्मण होते हुए ब्राह्मणों को गरिया चुके हैं. ऐसे में देखना होगा कि मोहन भागवत का बयान आने वाले समय में एमपी की सियासत में क्या गुल खिलाता है?
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