ओंकारेश्वर (निप्र) - ओंकार पर्वत पर आदि गुरु शंकराचार्य के प्रतिमा विराजित होने की शुभ घड़ी समीप आती जा रही है। आज संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने प्रतिमा विराजित करने सहित सौंदर्यीकरण और श्रद्धालुओं के लिए जुटायी जा रही अन्य सुविधाओं की प्रगति की समीक्षा की। पुलिस महानिरीक्षक राकेश कुमार गुप्ता, कलेक्टर खंडवा अनूप कुमार सिंह, संस्कृति विभाग के एस.के. मिश्रा सहित निर्माण एजेंसी और अन्य संबंधित इकाइयों के प्रमुख वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा आयोजित इस बैठक में सम्मिलित हुए। निर्माण एजेंसी के प्रतिनिधि इंजीनियर द्वारा बताया गया कि ओंकार पर्वत पर जहाँ प्रतिमा स्थापित होगी, वहाँ इंजीनियरिंग का बेसिक कार्य पूर्ण हो गया है। पेडस्टल स्थापित करने की कार्य योजना मूर्तरूप लेने लगी है। मूर्ति स्थापित करने का कार्य जुलाई के प्रथम सप्ताह में प्रारंभ हो जायेगा।
कुछ इस तरह चल रहा काम
मूर्ति स्थापना के पूर्व मूर्ति के संयोजन का कार्य भी ओंकार पर्वत पर ही किया जाएगा। संभागायुक्त डॉ. शर्मा ने पत्थर से बनने वाले कमल दल निर्माण की जानकारी भी ली। वहीं नए बस स्टैंड से नए घाट तक रोड निर्माण के लिए भी कार्य शीघ्रता से करने के निर्देश दिए। रपटा से मूर्ति स्थल तक वृक्षारोपण करने के संबंध में भी निर्देश दिए गए। बता दें मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर में ओंकार पर्वत पर अध्यात्म लोक यानी एकात्म धाम का काम तेजी से चल रहा है, जहां ओंकार पर्वत पर लगभग 28 एकड़ की जमीन पर इसकी स्थापना की जा रही है, यहां आदि गुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित होगी। साथ ही 54 फीट का आधार स्तंभ भी तैयार किया जाएगा।
ओंकारेश्वर में ली थी दीक्षा
ओमकारेश्वर से आदि गुरु शंकराचार्य का बेहद ही खास जुड़ाव रहा है। यही वह स्थान है, जहां शंकराचार्य ने दीक्षा ली थी। ओम्कारेश्वर को आदि गुरु शंकराचार्य की दीक्षा स्थली के रूप में भी जाना जाता है। यही कारण है कि, यहां सरकार ने विशाल प्रतिमा स्थापित करने का फैसला किया है। इसी के साथ ओमकारेश्वर तीर्थ नगरी को भी संवारा जाएगा। इससे पहले मध्यप्रदेश में महाकाल लोक को संवारा गया है, जिसे देखने अब दूर-दूर से श्रद्धालु उज्जैन पहुंचते हैं।
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