सड़क नहीं होने से गांव तक नहीं पहुंच सकी एंबुलेंस, गर्भवती को कंधे पर उठाकर पथरीले पहाड़ से मुख्य मार्ग तक लेकर पहुंचे परिजन
कटनी (ब्यूरो) - भले ही सरकार प्रदेश में एक छोर से दूसरे तक विकास और योजनाओं का लाभ पहुंचाने का लाख दाव करती हो, लेकिन कटनी जिले से आई तस्वीर उन्हें खोखले ही साबित कर रही है। यहां एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर लेने पहुंची 108 एम्बुलेंस सड़क नहीं होने पर गांव तक नहीं पहुंच सकी। जिससे परिजन गर्भवती महिला को झोली डोली के सहारे दलदल भरे कीचड़ और पथरीले रास्ते लेकर कई किलोमीटर चलने के बाद एम्बुलेंस तक पहुंचाया। जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया जा सका। जिले की ढीमरखेड़ा जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत गौरा का आश्रित आदिवासी ग्राम गौरी पहाड़ के ऊपर बसा हुआ है। मुख्य मार्ग से गांव तक सड़क ना होने के कारण प्रसूता महिला को झोली डोली के सहारे परिजन उपचार के लिए लेकर जाने को मजूबर हुए। यही हाल यहां स्कूल पढ़ने वाले बच्चों का है। स्कूली बच्चे पथरीले रास्ते से जान जोखिम में डालकर निकल रहे है। गांव में पेयजल की भी समस्या हैं। कचनारी ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम करौंदी में स्कूल आंगनवाड़ी सड़क आशा कार्यकर्ता की सुविधा नहीं है। गांव के बुजुर्ग का स्वास्थ्य खराब होने पर झोली डोली के सहारे बुजुर्ग को अस्पताल ले जाते नजर आए। वहीं स्कूली बच्चे दलदल भरी सड़क से पैदल हाथों में चप्पल लिए स्कूल पहुंचते हैं। इसी तरह ग्राम पंचायत भमका का आश्रित ग्राम रोझन में सड़क और पुल की सुविधा ना होने के कारण आवागमन में ग्रामीणों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा हैं। स्कूली बच्चों को स्कूल जाने में और गर्भवती महिलाओं को सबसे ज्यादा समस्या रहती हैं।
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