सीनियर सिटीजन के लिए वोटिंग की खास व्यवस्था, राजनीतिक दलों को बताना होगा क्रिमिनल को टिकट क्यों दिया ?
भोपाल (स्टेट ब्यूरो) - मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को अब 2 महीने बचे है। चुनावी माहौल में मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार की कांफ्रेंस हुई। जिसमें बताया गया कि चुनाव निष्पक्ष कराए जाएंगे। वहीं सीनियर सिटीजन से वोटिंग के लिए खास व्यवस्था की गई है। निर्वाचन आयोग ने निर्देश देते हुए बताया कि राजनीतिक दलों को क्रिमिनल को टिकट क्यों दिया यह बताना होगा। वहीं सीनियर सिटीजन अपने घर से भी मतदान कर सकेंगे। इसके लिए फॉर्म 12 D दिया जाएगा, जो नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के 5 दिन के भीतर भरना होगा। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि उन्होंने चुनाव की समीक्षा की है। प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव निष्पक्ष कराए जाएंगे। उन्होंने ने कहा कि आगामी चुनाव में मतदाता बढ़-चढ़कर कर हिस्सा लें। वहीं वोट डालने वाले बुजुर्ग को लेकर भी कहा कि सीनियर सिटीजन की वोटिंग के लिए खास व्यवस्था की गई है। राजीव कुमार ने बताया कि एसपी कलेक्टर से लेकर डीजीपी, चीफ सेक्रेटरी के साथ बैठक की गई है। एक परिवार का मतदान केंद्र स्थान पर होगा। इसके साथ ही उन्होंने आगे बताया कि सेंसेटिव केंद्र पर पैरा मिलिट्री फोर्स लगाई जाएगी। जो पहले आएगा उसका वोट पहले होगा। वहीं धनबल बाहुबली पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। विधानसभा चुनाव को लेकर करीब 2 किलोमीटर की दूरी पर पोलिंग स्टेशन। चुनाव में सीनियर सिटीजन को वोटिंग में प्राथमिकता दी जाएगी। इसके साथ ही सीनियर सिटीजन अपने घर से भी मतदान कर सकेंगे। इसके लिए फॉर्म 12 D दिया जाएगा, यह नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के 5 दिन के भीतर फॉर्म 12 D भरना होगा। वहीं वोटिंग करने के लिए निर्वाचन की टीम घर जाएगी।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में 50% से अधिक मतदान केदो पर वेबकास्टिंग करेंगे। जिसके लिए 15 हजार आदर्श मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। वहीं 6920 मतदान केंद्र में महिला मतदान प्रतिशत की गई है। वहीं पुरुषों की तुलना में 10% कम है। इसे बढ़ाने पर खास फोकस किया जा रहा है। जानकारी के लिए बता दें कि 7 लाख 12 हजार मतदाता 80 साल से ऊपर है। वहीं 18 से 19 साल के फर्स्ट टाइम वोटर 18 लाख 86 हजार है। यानी कुल 5 करोड़ 52 लाख मतदाता है।
चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने निर्देश देते हुए कहा कि राजनीतिक दलों को क्रिमिनल को टिकट क्यों दिया यह बताना होगा। इसके साथ ही प्रत्याशियों को तीन बार अपने ऊपर लागू केस की जानकारी देनी होगी। वहीं तीन बार मीडिया के मध्यम से सार्वजनिक करना होगी।
वहीं राजनीतिक दलों के घोषणा पत्र को लेकर निर्वाचन आयोग ने सिफारिश रखी है। बताया गया की किसी भी घोषणा का लाभ कितने को मिलेगा, कितना खर्चा आएगा, पैसा कहां से आएगा और यह मामला अभी उच्चतम न्यायालय में है। उन्होंने कहा कि हमने नियमो बदलाव किया है। इतने भी कर्मचारी चुनाव ड्यूटी में लगेंगे वह घर जाकर वोट नहीं कर पाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि अब उन्हें केंद्र पर ही वोट करना पड़ेगा। कई राज्यों में यह शिकायत आई थी कि यह एक बार गेनिंग पावर बन जाती है और बाद में उसे छोटे-छोटे अंतर से हार जीत होती है। इसलिए इसकी दूरबीन की संभावना रहती है।
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